द लीडर हिंदी : अमेरिका और ईरान दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन दोनों देशाें के बीच की तख्ली कम होने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका ने ईरान पर पहले से कई प्रतिबंध लगा रखे हैं.
अब अमेरिका ने ईरानी इस्लामिक रेडियो एंड टेलीविज़न यूनियन (IRTVU) की 33 वेबसाइटों और कातिब हिज़बुल्लाह (KH) संगठन द्वारा संचालित 3 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है.
न्यूज एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है कि ब्लॉक की गई ईरान से जुड़ी 36 वेबसाइट दुष्प्रचार फैला रही थी. जिन्हें अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर ऑफलाइन कर दिया गया है.
हालांकि, ईरानी सरकार का अंग्रेजी भाषा का चैनल प्रेस टीवी और अरबी भाषा का चैनल अल आलम नए ईरानी डोमेन के साथ कुछ ही घंटों के अंदर दोबारा ऑनलाइन हो गया.
अमेरिका और ईरान के मध्य चल रहे तनाव को देखते हुए यह एक ऐसा कदम लग रहा है, जिसे ईरानी मीडिया पर एक दूरगामी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है.
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नए राष्ट्रपति की प्रेस कांफ्रेंस के बाद कार्रवाई
इब्राहिम रईसी ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. वह अगस्त में सत्ता का कार्यभार संभालेंगे. इससे पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में साफ तौर पर कहा था कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात नहीं करना चाहते. उन्होंने अमेरिका पर परमाणु समझौते को पूरा न करने के आरोप भी लगाए थे.
उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद अमेरिका ने ईरान से जुड़ी 36 वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है. अमेरिका की ओर से की गई इस कार्रवाई को ईरान पर शिकंजा कसने की कोशिश माना जा रहा है. क्योंकि ईरान पर पहले से कई प्रतिबंध लगे हुए हैं.
KH को आतंकवादी संगठन मानता है अमेरिका
न्यूज एजेंसी रायटर की रिपोर्ट की माने तो अमेरिका के न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि अदालत के आदेशों पर ईरानी इस्लामिक रेडियो एंड टेलीविज़न यूनियन और कातिब हिज़बुल्लाह (KH) से जुड़ी वेबसाइट पर अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की गई है.
कातिब हिज़्बुल्लाह ईरान की गठबंधन नागरिक सेना का संगठन है. जिसे अमेरिका ने एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. वहीं, IRTVU की 33 वेबसाइट द्वारा उपयोग किए जा रहे डोमेन अमेरिका की कंपनी के स्वामित्व में हैं. इनके उपयोग से पहले विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय से लाइसेंस नहीं लिया गया था.
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अभिव्यक्ति की आजादी नहीं : ईरानी मीडिया
ईरानी समाचार एजेंसी YJC का इस मामले में कहना है कि अमेरिका का यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को झूठ दर्शाता है. अमेरिकी सरकार ने कई ईरानी मीडिया वेबसाइटों और यमन के हूती विद्रोहियों की वेबसाइट अल मसीराह को ब्लॉक कर दिया है. लेकिन वह नई डोमेन के साथ फिर से ऑनलाइन हो गई है.
पिछले साल भी की थी कार्रवाई
पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका ने वेब डोमेन के एक नेटवर्क को जब्त किया था. इसके बारे में कहा गया था कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की ओर से दुनिया भर में राजनीतिक दुष्प्रचार फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा था. तब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में उपयोग किए जाने वाले 92 डोमेन काे जब्त किया गया था.
वेबसाइट पर आने लगा यह संदेश
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन वेबसाइट को खोलने पर अमेरिका सरकार की ओर से अलर्ट दिखाई दे रहा है. इसमें वेबसाइट को एक्शन कानून लागू करने की कार्रवाई का हिस्सा बताया जा रहा है.
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फलस्तीन टीवी न्यूज की वेबसाइट जब्त
फलस्तीन टीवी न्यूज की वेबसाइट पर भी यही मैसेज आ रहा है. यह वेबसाइट गाजा पट्टी में सक्रिय चरमपंथी संगठन हमास की गतिविधियों और विचारधारा को प्रसारित करती है.