अंबेडकरनगर : सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे कर्मचारी, पीएम किसान सम्मान निधि में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा

द लीडर। केंद्र और प्रदेश सरकार गरीब जनता के लिए तमाम योजनाएं चलाकर उन्हें सुविधा देने की कोशिश कर रही है। लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। मिलीभगत के कारण गरीब का हक मार लिया जा रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि, उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले में किसान सम्मान निधि में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट किसान सम्मान निधि में डाटा फीडिंग करने वाले कर्मचारी द्वारा फर्जी तरीके से अपने ही परिवार के कई सदस्यों की फर्जी खतौनी लगाकर लगभग 8 बार किसान सम्मान निधि का पैसा ले चुका है. मामला मीडिया में आने के बाद से विभाग में हड़कम्प मच गया.


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पीएम किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा

बता दें कि, अम्बेडकरनगर जिले के भीटी तहसील में तैनात अजय राणा जोकि प्राथमिक विद्यालय रुदऊपुर में अनुदेशक के पद पर कार्यरत है. उसे ही भीटी तहसील में सम्बद्ध करके पीएम किसान सम्माननिधि की डाटा फीडिंग का कार्य सौंपा गया है. डाटा फीडिंग का कार्य कर रहे कर्मचारी अजय राणा का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. अजय राणा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी तरीके से अपने ही परिवार के पांच सदस्यों का डाटा फीडिंग करके लगभग आठ किस्त पीएम किसान सम्मान निधि का ले चुका है. वहीं आरोप यह भी है कि, इनके परिवार के सदस्यों के नाम भूमि नहीं है. इस कर्मचारी द्वारा इतना ही नहीं खेल किया गया है. इसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस तरह से कई फर्जी नाम एंट्री करके पीएम किसान सम्मान निधि में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है.

शिकायतकर्ता ने लगाए ये आरोप

शिकायतकर्ता के अनुसार, इस कर्मचारी ने अपने मोबाइल नंबर से 5 लोगों को एड किया है जिससे सम्मान निधि का पैसा आते ही उसके मोबाइल नम्बर में मैसेज आ जाता है और पैसा निकाल लिया जाता है. और अपने भाई के मोबाइल पर भी कई नम्बर एड किया है. शिकायतकर्ता रजनीश वर्मा ने इसकी लिखित शिकायत जिला कृषि अधिकारी से की. शिकायतकर्ता का आरोप है कि, इन सभी लोगों के पास भूमि नहीं है. फिर भी फर्जी तरीके से किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे है.


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दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय से बताया कि, मामला संज्ञान में आया है. पता चला है कि, तहसील के किसी कर्मचारी द्वारा ऐसा जालसाज किया गया है. तहसील स्तर से जांच की जा रही है. जांच में दोषी पाए जाने पर अपात्र व्यक्तियों से बकायदा किसान सम्मान निधि की रिकवरी की जाएगी और कर्मचारी पर भी कार्रवाई की जाएगी.

सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे कर्मचारी

सरकार के अधीनस्थ कर्मचारी एवं उसके मातहत ही लगातार सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे है. आए दिन कभी न कभी किसी अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत का कारनामा सामने आता रहता है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. अब देखना होगा कि, इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.


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indra yadav

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