अखिलेश यादव के बयान से हलचल,-‘UP में 2022 में चुनाव नहीं बल्कि लोकतांत्रिक क्रांति होगी

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Akhilesh Yadav Said Democratic Revolution In UP 2022 Not Election

द लीडर : उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है. जिससे राज्य की राजनीति में गर्माहट पैदा हो गई. अखिलेश यादव ने कहा-, ‘ 2022 में यूपी में चुनाव नहीं बल्कि लोकतांत्रिक क्रांति होगी. विघटनकारी-रूढ़िवादी और नकारात्मक राजनीति-सत्ता के खिलाफ शोषित, उपेक्षित, उत्पीड़ित अपमानित दलित, दमित, वंचित, गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं और युवाओं की एक नयी राजनीति जन्म ले रही है.’ इसे भी पढ़ें ‘जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भाजपा नहीं डीएम और एसएसपी लड़ रहे’-अखिलेश यादव

अखिलेश यादव का ये बयान ऐसे समय आया है, जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 21 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध बन गए हैं. इसमें 17 सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पर्चा दाखिल नहीं कर पाए थे. और मंगलवार को सपा के चार उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लेकर भाजपा के प्रत्याशियों को निर्विरोध अध्यक्ष बनवा दिया.

एक तिहाई के करीब निर्विरोध अध्यक्ष बनने से भाजपा उत्साहित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार और भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने बुधवार को एक ट्वीट किया. लिखा-, पंचायत चुनाव में फर्जी दावा करने वाले मैदान छोड़कर भाग रहे हैं. कहीं उम्मीदवार तो कहीं प्रस्तावक और समर्थकों का टोटा है. जनता जर्नादन के आशीर्वाद से पूरे देश में भाजपा का परचम लहरा रहा है.


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राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से भाजपा के 21 अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं. जाहिर तौर पर उससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता-समर्थकों के मनोबल पर असर पड़ा है. इस लिहाज से अखिलेश यादव का ये बयान उनमें जोश और उत्साह जगाने वाला है. दूसरी अपने बयान में उन्होंने कई वर्गों को शामिल किया है, जिसके जरिये सरकार और प्रतिद्वंद्वी भाजपा पर निशाना साधा है.

दरअसल, जिला पंचायत चुनाव को लेकर अखिलेश यादव सत्तारूढ़ पार्टी पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं. इस आरोप के साथ कि चुनाव जीतने के लिए वो सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रहा है. इस सिलसिले में मंगलवार को सपा ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक शिकायती पत्र भी दिया है. जिसमें ये मांग की गई कि 3 जुलाई को होने वाले पंचायत अध्यक्ष चुनाव में उनके सदस्यों की सुरक्षा के साथ निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराया जाए.


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समाजवादी पार्टी ने अपने शिकायती पत्र में पुलिस-प्रशासन द्वारा सदस्यों को प्रताड़ित किए जाने का आरोप भी लगाया है. अखिलेश यादव भी ये आरोप लगा चुके हैं कि अब चुनाव भाजपा नहीं बल्कि डीएम और एसएसपी लड़ रहे हैं. यानी पूरे चुनाव में सपा प्रशासनिक तंत्र को घेरती रही है.

अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है. इसको लेकर सत्ताधारी भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा, लोकदल और पीस पार्टी अलावा कई अन्य दल भी तैयारियों में जुट गए हैं. हाल ही हैदराबाद के सांसद असदुद्​दीन ओवैसी ने भी यूपी की 100 सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान करके राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. ओवैसी मुस्लिम जनाधार वाली सीटों पर कैंडिडेट उतारेंगे. प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है.

 

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