समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिला पंचायत चुनाव के बीच अपनी पार्टी के नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार को पंचायत चुनाव का नामांकन था. और ऐसे में 11 जिलों में सपा अपने प्रत्याशी का नामांकन नहीं करा पाई. इससे नाराज अखिलेश यादव ने इन 11 जिलों के जिला पंचायत अध्यक्षों को उनके पदों से हटा दिया है. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के हवाले से रात को इसका आदेश भी जारी करा दिया गया.
जिन जिलों के जिलाध्यक्षों को हटाया गया है, उसमें गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रीवास्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर शामिल हैं.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नामांकन के दौरान कई जिलों से भाजपा और सपा नेताओं के बीच भिड़ंत की खबरें सामने आईं. इसमें गोरखपुर, बस्ती में झगड़े के वीडियो भी सामने आए हैं.
UP Politics : गोरखपुर और बस्ती में नामांकन को पहुंचे सपा नेताओं के साथ मारपीट
समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. ये कहते हुए कि वो धांधली से चुनाव जीतने की कोशिशों में लगी है.
सपा प्रमुख से लेकर अन्य वरिष्ठ नेता तक लगातार इसी आरोप के साथ सत्ताधारी दल पर हमलावर रहे हैं. और ये आशंका भी जताते रहे कि नामांकन के दौरान उनके उम्मीदवारों को रोका जा सकता है.
लेकिन इतने अहम चुनाव में पार्टी 11 जिलों में पर्चा ही दाखिल नहीं कर पाएगी. इसकी संभावना शायद ही किसी ने की है. यही कारण है कि पार्टी ने ऐसे जिलों के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है, जो पर्चा भी दाखिल नहीं करा पाए हैं.
जाहिर है कि इस स्थिति में मतदान से पहले ही भाजपा को लंबी लीड मिल गई है. और इन जिलों में उसके निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है.
यूपी के इन जिलों में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष होंगे निर्विरोध निर्वाचित
इससे भाजपा उत्साहित है. उसके नेता पहले ही दावा करते रहे हैं कि चुनाव में भाजपा के ही सबसे ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष बनेंगे.