द लीडर : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाने वाले अखिल गोगोई ने असम के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत अखिल गोगोई की रही है. अखिल शिवनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. एंटी करप्शन (भ्रष्टाचार विरोधी) आंदोलन से चर्चा में अखिल 2019 से अभी जेल में बंद हैं. और जेल से ही उन्होंने चुनाव लड़कर जीत दर्ज की है.
गोवाहटी के कॉटन कॉलेज से पढ़ाई करने वाले अखिल को पब्लिक रिसर्च कॉज फाउंडेशन ने साल 2010 में राष्ट्रीय सूचना का अधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया था. अखिल ने गोलाघाट जिले में संपूर्ण ग्राम रोजगार योजना में 12.5 मिलियन का भ्रष्टाचार उजागर किया था.
अखिल कृषक मुक्ति संग्राम समिति के संस्थापक सचिव हैं. औंर रैजोर दल गना मुक्ति संग्राम असोम राजनीतिक दल के नेता हैं. एक आरटीआइ एक्टिविस्ट के रूप में उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जग जाहिर है. इसी के साथ उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी आवाज उठाई है. असम और अरुणाचल प्रदेश के इकोलॉजिकल सेंसटिव जोन में बड़े डैम के खिलाफ उन्होंने पूरे राज्य में अभियान चलाया था.
ममता की जीत पर नेताओं के बधाइयों की आई बाढ़: जाने अब तक किन लोगों ने दी है बधाई
अखिल अन्ना हजार के इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट से भी जुड़े रहे हैं. हालांकि राजनीतिक पार्टी गठन की चर्चा के बीच वह इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट से अलग हो गए थे. और ये कहा था कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को सपोर्ट किया था. और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी बनाकर उससे जुड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है.
साल 2013 में गोगोई ने अपने कॉमरेठ साथियों के साथ असम में रूरल मार्केट स्थापित करने की योजना बनाई थी. जिसे एफडीआइ के विरोध में बताया गया था. इसके अंतर्गत गोगोई राज्य में ग्रामीण कारोबार को संगठित करना चाहते थे. कई आउटलेट्स की योजना भी सामने आई थी.
#BengalResult- क्या बंगाल नतीजे के पीछे छुपा हुआ है 2024 के प्रधानमंत्री का चेहरा ?
कामरूप जिले में गोगोई ने भूमि माफिया के खिलाफ भी लड़ाई छेड़ी थी, जो हजारों एकड़ खेतिहर भूमि को दूसरे कामों में लेना चाहते थे. 2015 में गोगोई ने गना मुक्ति संग्राम असोम पार्टी का गठन किया. 2017 में उन्होंने ाऐलान किया था कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में लड़ेगी. उसी के अंतर्गत अखिल की पार्टी ने चुनावों में भाग लिया है.