व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के साथ फोन पर बात की और वे एक आम रणनीति और नजरिए पर चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह जी-7 नेताओं की वर्चुअल मीटिंग करेंगे।
व्हाइट हाउस ने कहा, “दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान नीति पर सहयोगियों और लोकतांत्रिक भागीदारों के बीच ठोस समन्वय की जरूरत पर चर्चा की, जिससे वैश्विक समुदाय शरणार्थियों और अन्य कमजोर अफगानों के लिए मानवीय सहायता कर सके।”
डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन ने बाइडेन के साथ कॉल में “पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान में हासिल लाभ को नहीं खोने, आतंकवाद से किसी भी उभरते खतरे से खुद को बचाने और अफगानिस्तान के लोगों का सहयोग जारी रखने के महत्व पर जोर दिया।”
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दो दिन पहले काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद दुनियाभर की नजरें अफगानिस्तान पर टिकी हैं। काबुल हवाईअड्डे पर अफ़ग़ानिस्तान के रनवे पर अफरा-तफरी मचने के एक दिन बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों ने मंगलवार को राजनयिकों और नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया।
इस भगदड़ और बेचैनी में अमेरिका को लेकर कई आकलन सामने आ रहे हैं। अमेरिका के अंदर ही दोनों दलों के बीच तनाव हो गया, जबकि अफगान सेना के एकदम फेल हो जाने से भी कई सवाल खड़े हो गए। तालिबान के सत्ता में आने पर महिलाओं के अधिकारों का मुद्दा चर्चा में आ गया है। दो दशक पहले तालिबान ने महिलाओं के साथ जैसा बर्ताव किया था, उसको लेकर चिंताएं हर जगह दिखाई दे रही हैं।