अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने की प्रक्रिया के दरम्यान आज हेरात में महिलाओं और विश्वविद्यालय के छात्रों ने पिछले 20 वर्षों की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने शिक्षा और काम के अधिकार के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाई।
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने बताया कि प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे उन्हें न भूलें। प्रदर्शन में तकरीबन पांच दर्जन महिलाओं ने भागीदारी की। महिला प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए “शिक्षा, काम और सुरक्षा के अधिकार” के नारे लगाए।
तालिबान ने सरकार बनाने की अंतिम तैयारी शुरू कर दी है। वरिष्ठ तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई कह चुके हैं कि महिलाओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, हालांकि उन्हें काम करने की अनुमति दी जाएगी।
इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग के कार्यकारी मंत्री की बैठक में महिलाओं को विश्वविद्यालयी शिक्षा को मंजूरी देने के साथ सहशिक्षा की व्यवस्था को रद कर दिया गया।
तालिबान ने पिछले महीने अफगान सरकार के सैनिकों के साथ संघर्ष के बाद हेरात पर कब्जा कर लिया था। सत्ता में आने पर तालिबान का साक्षात्कार करने वाली अफगान टीवी एंकर बेहेश्ता अरगंद ने मां, बहनों और भाइयों के साथ अमेरिकी निकासी के दौरान देश छोड़ दिया।
बेहेश्ता ने कहा कि तालिबान ने उसके नियोक्ता टोलो न्यूज को महिलाओं को हिजाब पहनना सुनिश्चित करने का आदेश दिया है और कथित तौर पर स्थानीय मीडिया से देश के अधिग्रहण पर रिपोर्टिंग को रोकने के लिए कहा है।
तालिबान के साक्षात्कार को लेकर उनकी चर्चा वायरल हो गई थी क्योंकि इस समूह का साक्षात्कार करने वाली पहली अफगान महिला पत्रकार बन गई थीं।
टीवी एंकर ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान की मशहूर कार्यकर्ता मलाला से लोगों को निकालने में मदद करने को कहा था। मलाला ने कथित तौर पर उनको कतर की निकासी की सूची में लाने की व्यवस्था की।
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