कंधार में ‘अमेरिकी सैनिकों’ ने हथियारों संग कैसे निकाली परेड!

0
296

अमेरिका का आखिरी विमान चला गया। तालिबान ने आतिशबाजी कर जश्न मना लिया। इसके 24 घंटे भी नहीं बीते कि अफगानिस्तान की सड़कों पर सैकड़ों अमेरिकी सैनिक पूरे साजोसामान के साथ नजर आने लगे, जिनके साथ टैंक और बख्तरबंद गाड़ियाें का काफिला था। उन्हें देखने को हजारों लोग सड़क किनारे खड़े अभिवादन कर रहे थे। यह परेड तब निकल रही थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बचाव में दुनिया को संबाेधित कर रहे थे।

जो बाइडेन का संबोधन और कंधार में अमेरिकी फौज की परेड को एक साथ देख तमाम लोग चौंक गए, जब तक यह समझ में नहीं आ गया कि यह खेल ही कुछ और है। यह तालिबान का ही कारनामा था और अमेरिकी वर्दी में अमेरिकी हथियारों के साथ परेड उसी के लड़ाकों का प्रदर्शन था।

दरअसल, जिन अमरीकी वाहनों और हथियारों के निष्क्रिय होने का दावा हो रहा था, अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद तालिबान लड़ाकों ने सभी हमवीज़ और टैंकों को पार्किंग से बाहर निकाल लिया। इनमें सैन्य वाहन चालू हालत में थे तो वो उन पर सवार हो गए और अमेरिकी सेना की दौलत पर काबिज होने का प्रदर्शन करने को सड़कों पर उतर आए।

यही नहीं, उन्होंने अमेरिकी सैनिकों की वर्दियों को भी जिस्म पर कस लिया, जिससे वे और आकर्षक हो गए। सिर पर पगड़ी कुछ ने लगाई तो कुछ ने नहीं, दाढ़ी भी जस की तस ही रही।

अचानक अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर कंधार अमेरिकी सेना जैसे दिखने वाले तालिबान से भरा हुआ दिखने लगा। उनके हाथों में अमेरिकी सेना की मशीनगनें और दूसरे आधुनिक हथियार थे। पिक-अप ट्रक और बहु-उपयोगी ट्रकों पर सवार होकर जब सड़क पर आए तो आम लोगों का तांता लग गया।

हालांकि, सभी ट्रकों और टैंकों पर सफेद और काले रंग के तालिबानी झंडे लगे हुए थे। यह प्रदर्शन इस बात को दिखाने का था कि तालिबान ने अमेरिकी सेना से का नियंत्रण खत्म करने में कामयाब रहा और हथियारों और वर्दी का जखीरा उनकी हार का प्रतीक है।

जैसे-जैसे परेड चल रही थी, लोगों को उम्मीद थी कि तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा भी सालों तक छुपे रहने के बाद सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे। ऐसा इसलिए भी कि तालिबान ने अखुंदजादा के कंधार में ही मौजूद होने की पुष्टि की थी और यह भी कहा था कि वे जल्द सबकी नजरों के सामने हाेंगे। लेकिन परेड और भीड़ को संबोधित करने सिर्फ नए गवर्नर ही आए तो तालिबान लड़ाके और समर्थक मायूस हो गए।

इन ट्रकों और हथियारों के अलावा पिछले एक ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी कंधार के ऊपर उड़ते हुए देखा गया। ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को देखने से अनुमान है कि अफगान सेना के किसी व्यक्ति को भी तालिबान ने मदद के लिए शामिल किया है क्योंकि तालिबान के पास ब्लैक हॉक उड़ाने के लिए योग्य पायलटों की कमी है।


यह भी पढ़ें: तालिबान रिटर्न से काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट तक की हकीकत, जिसका जिक्र कहीं नहीं

(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here