यूपी में डेल्टा वेरिएंट का खतरा, नागपुर से लौटे कोरोना मरीज़ की हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच

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Green and blue coronavirus cells under magnification intertwined with DNA cell structure

द लीडर हिंदी, लखनऊ| महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी कोरोना का अब तक का सबसे खतरनाक रूप डेल्टा प्लस का ख़तरा मंडराने लगा है।

दरअसल राजधानी लखनऊ में नागपुर से आए एक यात्री के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस संक्रमित मरीज में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस के प्रभाव की आशंका है।

ऐसे में जानकारी मिलने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। डाक्टरों ने मरीज के सैंपल को लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा है।

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वहीं लखनऊ के डिप्टी सीएमओ डा. मिलिंद वर्धन के मुताबिक इंदिरानगर के रहने वाला यह यात्री बुधवार को नागपुर से लखनऊ लौटा था। ट्रेन से आए इस यात्री के एंटीजेन टेस्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई।

इसके बाद भी उसका एंटीजेन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आये। इसमें परेशान करने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कई संक्रमित मरीज अब तक मिल चुके हैं।

यह यात्री भी नागपुर से ही वापस लौटा है। ऐसे में इस यात्री को डेल्टा प्लस का संदिग्ध मानते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए उसका सैंपल भेजा है। लखनऊ के केजीएमयू में सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।

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ट्रेन के यात्रियों में हड़कंप

वहीं दूसरी तरफ ट्रेन से आए इस यात्री में संक्रमण की पुष्टि होने से कोच में बैठे दूसरे यात्री भी दहशत में हैं। विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि सफर लंबा होने से चलते यह कोरोना संक्रमित दूसरे यात्रियों के संपर्क में भी जरूर आया होगा।

जिससे दूसरे यात्रियों में भी संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए दूसरे राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों को हिदायत दी गई है कि वह कम से कम से 14 दिन खुद को आइसोलेट करें और कोरोना लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराएं।

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क्या है कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट

आपको बता दें कि कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस अब डेल्टा के म्यूटेशन से आया है। विशेषज्ञों इस डेल्टा वेरिएंट को भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार बताते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के करीब 40 नए मामले सामने आ चुके हैं। जानकारों की अगर मानें तो कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण पर वैक्सीन भी बेअसर हो सकती है, क्योंकि ये पिछले वाले सभी वायरस से बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक डेल्टा प्लस काफी खतरनाक है और फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने में सक्षम है। इसकी वजह से फेफड़े को जल्द नुकसान पहुंचने की संभावना होती है।

जिन लोगों को डेल्टा वेरिएंट ने अपनी चपेट में लिया है, उन्हें तेज खांसी और अन्य तरह का अहसास हो रहा है। तेज सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना डेल्टा प्लस वेरिएंट से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं। इससे बचने के लिए अब और ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।

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देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कितने केस?

अभी तक देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 41 मामले ही सामने आए हैं और इनमें अधिकतर यानि 21 केस महाराष्ट्र में है जबकि 6 केस मध्य प्रदेश में सामने आए हैं।

महाराष्ट्र का रत्नागिरी जिला देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट से फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां पर अबतक 9 केस सामने आ चुके हैं जबकि जलगांव जिले में 7 केस हैं।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरती जा रही है।

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