ऑक्सीजन संकट को लेकर टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बाद घिरी केजरीवाल सरकार

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में देश ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऑक्सीजन ऑडिट टीम बनाई थी, जिसकी शुरुआती रिपोर्ट अब सामने आई है. रिपोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा तब किए गए ऑक्सीजन संकट के दावे को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं.

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दिल्ली सरकार ने की थी 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग

रिपोर्ट के मुताबिक, जब दिल्ली सरकार द्वारा 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग का शोर मचाया जा रहा था. तब दिल्ली को सिर्फ 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी.

दिल्ली की वजह से कई राज्यों को हुई परेशानी

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, दिल्ली की इसी मांग के कारण करीब 12 राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत पैदा हुई थी, क्योंकि तब की जा रही मांग के मुताबिक ऑक्सीजन की अतिरिक्त सप्लाई दिल्ली में की जा रही थी.

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ऑक्सीजन टास्क फोर्स के मुताबिक, 29 अप्रैल से 10 मई के बीच कुछ अस्पतालों में डाटा ठीक किया गया. दिल्ली सरकार ने इस दौरान 1140 MT ऑक्सीजन की ज़रूरत बताई थी, जबकि करेक्शन के बाद ये डाटा 209 एमटी पहुंचा.

टास्क फोर्स ने दिए सुझाव

टास्क फोर्स की ओर से सुझाव दिया गया है कि, देश में ऑक्सीजन निर्माण के लिए एक नीति होनी चाहिए, बड़े शहरों के आसपास ही निर्माण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पचास फीसदी तक सप्लाई यहां से ही हो सके. इसके लिए दिल्ली-मुंबई को प्राथमिकता दी जा सकती है.

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ऑडिट पैनल की रिपोर्ट के बाद बयानबाजी तेज

ऑडिट पैनल की इस रिपोर्ट के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर लिखा कि, ऑक्सीजन की मांग जितनी थी उससे 4 गुना ज्यादा की और बाकि प्रदेशों को उसका नुकसान उठाना पड़ा, उनको कमी पड़ी. शोर मचाना कोई दिल्ली सरकार से सीखे.

दिल्ली बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार ने डिमांड से चार गुना मांग रखी, फिर भी केंद्र की ओर से उसे ऑक्सीजन की सप्लाई मिली. लेकिन अस्पतालों को मदद नहीं की गई, दिल्ली के लोगों को ब्लैक मार्केट में ऑक्सीजन खरीदना पड़ा था.

दिल्ली में मचा था हाहाकार, SC ने बनाई थी टास्क फोर्स

बता दें कि, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई में दिल्ली में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा था. तब दिल्ली के कई अस्पतालों द्वारा हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था और तुरंत ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने की अपील की गई थी.

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उस दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर उनसे ऑक्सीजन वितरण, जरूरत और सप्लाई पर ऑडिट रिपोर्ट तलब की थी. इस टास्क फोर्स में दो सरकारी अधिकारी और देश के दस जाने माने डॉक्टर्स भी शामिल थे.

SC ने टास्क फोर्स को दिया था 6 महीने का समय

सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस टास्क फोर्स को 6 महीने का वक्त दिया गया था, हालांकि इस दौरान वक्त-वक्त पर रिपोर्ट मांगी गई थी. कोर्ट ने इस टास्क फोर्स से ऑक्सीजन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे थे.

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