Farmers Protest : एक आत्महत्या को किसान आंदोलन के सिर मढ़ने की साजिश भी नाकाम होगी : किसान मोर्चा

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United Farmers Front Conspiracy To Link Suicide Case

द लीडर : तमाम आफतों के बाद किसान आंदोलन पर एक बार फिर मुश्किल आई है. टीकरी बॉर्डर पर एक व्यक्ति मुकेश के आत्महत्या मामले में किसान आंदोलन पर आरोप लग रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में इसे आंदोलन को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. ये कहते हुए कि सरकार को किसानों को बदनाम करने की बजाय, उनकी जायज मांगों को पूरा करना चाहिए.

पिछले 205 दिनों से देश के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हैं. एक सूत्रीय मांग है. तीनों कृषि कानून रद किए जाएं. जिस पर सरकार राजी नहीं है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर दोहराया-सरकार किसानों से संवाद को तैयार हैं. लेकिन कानून रद नहीं होंगे. दोनों के इस अडिग रवैये से इतना स्पष्ट है कि इस लड़ाई का हाल-फिलहाल में, कोई पटाक्षेप नहीं होने वाला.


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इस बीच टीकरी बॉर्डर पर आत्महत्या विवाद से किसान नेता सरकार पर हमलावर हैं. उनका आरोप है कि टीकरी बॉर्डर स्थित एचपी पेट्रोल पंप के पास कसार गांव के एक व्यक्ति मुकेश ने पेट्रोल डालकर आग लगा ली. किसान मोर्चा के वॉलिंटियर ये देखकर उसे बचाने दौड़े. आग बुझाई. व्यक्ति ने बताया कि पारिवारिक समस्या से तंग आकर ऐसा किया. पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी ने मुकेश की पहचान कर परिवार को खबर दी. जो उन्हें हॉस्पिटल ले गए. लेकिन इसमें किसानों को फंसाया जा रहा है.

 

किसान आंदोलन.

किसान मोर्चा ने अपने एक व्यक्तत्व में कहा है कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा और उसके समर्थकों की कोशिशें बढ़ती जा रही हैं. आंदोलनकारियों को बदनाम करने के लिए हर मौके का फायदा उठाया जा रहा है. लेकिन उनकी हर कोशिश विफल रही है. मुकेश की आत्महत्या मामले को मीडिया और सरकार भुना रही है. एफआइआर से भी ये साफ होता है.


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मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि हाल ही में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने गृहमंत्री से मुलाकात की थी. और विरोध स्थलों पर बिगड़ती कानून व्यवस्था को आधार बनाकर कुछ कार्रवाई की योजना बन रही है.

किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग का हौसला देखिए.

मोर्चा ये फिर कहता है कि पहले भी ऐसी कोशिशें फेल रही हैं. आगे भी होंगी. एक लोकतंत्र में ये अपेक्षा रहती है कि सरकार उनकी मांगों को सुने. ऐसा न करके सरकार अनावश्यक रूप से बदनाम कर रही है ताकि आंदोलन खत्म हो जाए.

किसान नेताओं ने कहा कि कई राज्यों की सरकारें किसानों के साथ खड़ी हैं. तमिलनाडु के सीएम ने भी पीएम को भेजे एक पत्र में तीनों क़ृषि कानून निरस्त करने की मांग उठाई है. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्य सरकार किसानों के साथ हैं. किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चारुनी, हन्नान मुल्ला, जगजीत सिंह, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिव कुमार शर्मा, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र याद आदि रहे.

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