द लीडर : हाथरस की वो दिल दहलाने वाली घटना याद तो है न. जिसमें एक 20 साल की युवती की गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी. और रात के अंधेरे में मृतिका का शव जला दिया गया था. उस घटना के साथ एक और गंभीर आरोप जुड़ गया है. पीड़ित परिवार और वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक हलफनामा दिया है. जिसमें कहा है कि हाथरस की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें धमकी दी गई थी. (Hathras Case Threatening Lawyer Courtroom)
इस घटना पर हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट इस पहलू पर विचार करेगी कि केस को हाथरस में रखना है या किसी दूसरे जगह ट्रांसफर करना है. लेकिन कोर्ट के भीतर पीड़ित परिवार और उनके अधिवक्ता को धमकाने का आरोप सामने आने के बाद इस घटना पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. और इसी बहाने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी प्रश्न उठने लगे हैं.
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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को एक ट्वीट किया. जिसमें लिखा है कि, ‘हाथरस के पीड़ित परिवार और उनकी वकील पर अदालत के अंदर हमला करने की कोशिश से जाहिर है कि यूपी में जंगल राज चल रहा है. अपराधियों के हौसले आसमान छू रहे हैं. इस सरकार को बेदखल करने का समय आ गया है. न्यायालय अगर अपनी विश्वसनीयता बनाए रखना चाहता है तो हमलावर की गिरफ्तारी का आदेश दे.’
हाथरस के पीड़ित परिवार और उनकी वकील पर अदालत के अंदर हमला करने की कोशिश से ज़ाहिर है कि यूपी में जंगल राज चल रहा है। अपराधियों के हौसले आसमान छू रहे हैं। इस सरकार को बेदख़ल करने का समय आ गया है।न्यायालय अगर अपनी विश्वसनीयता बनाए रखना चाहता है तो हमलावर की गिरफ़्तारी का आदेश दे।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 21, 2021
बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने इसे डरावनी धमकी बताते हुए सवाल उठाया है कि क्या ये कोशिश अदालत की अवमानना नहीं है, या एक सामान्य अपराध है?
पीड़ित परिवार के हलफनामे पर दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि सीबीआइ भी इस केस को हाथरस के बाहर किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर कर सकती है.
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इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हो रही है. जिसमें पीड़ित परिवार की मुख्य कानूनी सलाहाकार सीमा कुशवाहा हैं. अदालत ने कुशवाहा को मिली धमकियों का भी जिक्र किया है.
हलफनामा में क्या कहा
हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामा में पीड़ित परिवार ने कहा है कि हाथरस जिला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जज को इसे स्थगित करना पड़ गया था. क्योंकि तरुण हरि शर्मा नामक वकील कोर्टरूम में घुस गया था. और पीड़ित पक्ष की वकील के साथ उग्र होने का प्रयास किया था.
यही नहीं वकील ने कुशवाहा को जोर से चिल्लाते हुए धमकियां भी दी थीं. इस पर कोर्ट ने वकील को फौरन परिसर से बाहर निकालने का आदेश दिया था. इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष की वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकीं, क्योंकि उन्हें सुरक्षा का खतरा है. (Hathras Case Threatening Lawyer Courtroom)
पिछले साल सामने घटी थी घटना
पिछले साल सितंबर एक दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी. घटना के करीब दस दिन बाद पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. और पुलिस-प्रशासन ने उनका शव रात के अंधेर में जला दिया था. जिसको लेकर प्रशासन और सरकार की काफी आलोचना भी हुई थी. इस मामले में गैंगरेप के तथ्य को सिरे से नकारा जाता रहा था. (Hathras Case Threatening Lawyer Courtroom)