जश्ने ईद-मिलादुन्नबी को लेकर दरगाह टीम और अंजुमन कमेटियां प्रशासन की बैठक छोड़कर क्यों चले गए

द लीडर : आला हजरत के 103वें उर्से रजवी में जायरीन के साथ हुए विवाद ने दरगाह प्रबंधन और जिला प्रशासन के रिश्तों पर असर डाला है. बुधवार को जश्ने ईद-मिलादुन्नबी को लेकर बरेली जिला प्रशासन के साथ दरगाह व जलूस कमेटियों की बैठक थी. जिसमेें कमेटियों की ओर से ज्यादा लोगों के पहुंचने पर एक प्रशासनिक अधिकारी ने एतराज जता दिया, जो दरगाह की टीम और अंजुमन कमेटियों को नागवार गुजरा. इस कदर कि वे जिला प्रशासन की बैठक से उठकर चले गए. (Ala Hazrat Eid Miladunnabi)

19 अक्टूबर को ईद-मिलादुन्नबी है. उत्तर प्रदेश के बरेली में 18 और 19 अक्टूबर को जुलूस-ए-मुहम्मदी निकलता है. अंजुमन इत्तेहादुल मुस्लिमीन का जुलूस 18 अक्टूबर को पुराना शहर में निकलना है. जबकि अंजुमन खुद्​दामे रसूल 19 अक्टूर को दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सरपरस्ती में जुलूस निकालेगी. दोनों जुलूसों में तकरीबन 400 से 500 अंजुमनें शामिल होती हैं.

 

इसी जुलूस के सिलसिले में जिला प्रशासन के साथ दोनों अंजुमन के पदाधिकारियों की बैठक थी. जिसमें दरगाह के संगठन तहरीके तहफ्फुज-ए-सुन्नियत (TTS)के सदस्य भी शामिल हुए.


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बैठक में जुलूस की सरपरस्ती करने वाली अंजुमनों के पदाधिकारियों के अलावा दूसरी अंजुमनों के सदस्य भी पहुंच गए. बताते हैं कि बैठक करने पहुंचे एक अधिकारी ने कहा कि इतनी भीड़ क्यों आ गई? मतलब ज्यादा लोगों के आाने पर उन्होंने एतराज जताया. अंजुमन के सदस्यों को ये अच्छा नहीं लगा और वह बैठक से उठकर बाहर चले गए.

हालांकि इस विवाद पर दरगाह प्रबंधन और अंजुमनों के पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. चूंकि 18 और 19 अक्टूबर को जश्न है. इसलिए आयोजन को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है. (Ala Hazrat Eid Miladunnabi)

उम्मीद है कि एक-दो दिन में दोबारा प्रशासन के साथ बैठक होगी. और जुलूस-जश्न की व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाएगी. लेकिन इस घटना ने इतना जरूर स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन और दरगाह इंतजामियां के बीच तालमेल में बाल आ गया है. जिसमें संवाद और एक-दूसरे के सहयोग से ही खत्म किया जा सकता है.


”अपर जिला अधिकारी ने बताया कि मीटिंग दोबारा होगी. जल्द ही तारीख तय कर दी जाएगी. आज मीटिंग थी. लेकिन कमेटियों के सदस्य चले गए. क्यों चले गए, यह वही जाने.”


बीते 2 से 4 अक्टूबर तक आला हजरत का उर्स मनाया गया था. जिसमें लाखों की भीड़ उमड़ी थी. 4 अक्टूबर को कुल था. शहामतगंज चौराहे पर पुलिस और जायरीन के बीच विवाद हो गया था. इस बात पर कि पुलिस ने रास्तों पर बैरियर लगा दिए थे. और जायरीन को आगे जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी.

 

ये विवाद काफी बढ़ गया था. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. कुछ पत्थर भी चले. और पुलिस ने मौलाना दानिश को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, जो जमानत पर बाहर आ गए हैं. 400 से 500 जायरीन के खिलाफ केस अभी दर्ज है.

दरगाह प्रबंधन ने इस घटना को लेकर सीधे तौर पर जिला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. मांग रखी थी कि मौलाना को छोड़ा जाए और जायरीन पर दर्ज केस वापस लिए जाएं. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो.

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने तो अपनी गिरफ्तारी तक का अल्टीमेटम दे दिया था. और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने जेल भरो अांदोलन की चेतावनी दी. हालांकि बाद में प्रशासन के साथ मिलकर दरगाह के इंतजामियां इस विवाद को सुलझाने में लगे हैं.

और अब जुलूस-ए-मुहम्मदी को लेकर ये मामला सामने आ गया है. एक अंजुमन के पदाधिकारी के मुताबिक मामले में फिर बैठक होगी. और उम्मीद है कि प्रशासन आयोजन में सहयोग करेगा. (Ala Hazrat Eid Miladunnabi)

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Ateeq Khan

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