द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। दिल्ली से मुबंई जाने वालों के लिए खुशखबरी है. जी हां अब दिल्ली से मुबंई आप महज 12 घंटे में पहुंच सकते हैं. क्योंकि अब दिल्ली से मुंबई की दूरी घटने वाली है. पहले जहां दिल्ली से मुबंई पहुंचने में 24 घंटे का समय लगता था वहीं अब ये सफर 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. ये बातें केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने की हैं. बता दें कि, आज दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस का मुआयना केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा के सोहना के पास किया. मार्च 2023 में इसके बनने की संभावना है.
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दिल्ली से मुंबई जाने वालों को मिलेगी सौगात
1380 किलोमीटर लंबे 8 लेन वाले एक्सप्रेस-वे दिल्ली और मुंबई के बीच की 130 किमी दूरी कम कर देगा. मार्च 2023 तक ये बनकर तैयार होगा. आगे जरूरत पड़ने पर इसको 12 लेन का किया जाएगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भर सकेंगी, पर इंतज़ार मार्च 2023 तक करना पड़ेगा. सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, मुझे खुशी है कि वर्ल्ड का यह सबसे बड़ा ऐसा एक्सप्रेस हाईवे है और यह हमारे देश के लिए अभिमान का विषय है. दिल्ली से मुंबई हम 12 से 12:30 घंटे में पहुंच सकेंगे. हरियाणा के सोहना में गडकरी ने जमीन से भी जायज़ा लिया और फिर आसमान से भी. फिलहाल ये एक्सप्रेस वे 8 लेन का है जिसे आने वाले वक्त में 12 लेन तक करने की व्यवस्था है. ये देश के 6 राज्यों दिल्ली,हरियाणा,राजस्थान,मध्यप्रदेश,गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा. करीब 1 लाख करोड़ की लागत से दिल्ली मुबई एक्सप्रेस वे देश में सबसे लंबा होगा.
तेजी से चल रहा सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का काम
देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है. मार्च 2023 तक एक्सप्रेसवे के पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. इसके (दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे) निर्माण के बाद जो 24 घंटे का समय दिल्ली से मुंबई के बीच के सफर को पूरा करने में लगता है वो घटकर 12 घंटा हो जाएगा.
हरियाणा: गुरुग्राम ज़िले के सोहना में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की प्रगति का जायज़ा लिया। pic.twitter.com/r9wrTvZHiM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 16, 2021
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डेडलाइन से पहले तैयार होगा एक्सप्रेसवे- गडकरी
एक्सप्रेसवे का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया कि, तय टाइमलाइन मार्च 2023 के पहले ही लोगों के सफर के लिए ये एक्सप्रेसवे बिलकुत तैयार हो चुका होगा. इस दौरान गडकरी ने एक मजेदार किस्सा भी सुनाया. उन्होंने बताया कि जब वो शादी के बाद महाराष्ट्र में सड़क बनवा रहे थे तो रास्ते मे पड़ रहा ससुराल का घर भी तोड़ना पड़ा था.
हरियाणा में 6 जगहों पर सड़क किनारे जन-सुविधाएं मिलेंगी जिससे स्थानीय उत्पादकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की सेवाएं भी दी जाएंगी। हम इसमें ड्रोन का उपयोग भी करेंगे जो उद्योग और व्यवसाय के लिए उपयोगी होगा: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी https://t.co/JH4rEZy4Pk pic.twitter.com/2eBXEf5E54
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 16, 2021
6 राज्यों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली से मुंबई की दूरी कम करने वाला ये एक्सप्रेसवे देश के छह राज्यों से गुजरेगा. इन राज्यों में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद जयपुर अजमेर, कोटा, किशनगढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, चित्तौड़गढ़ और सूरत जैसे शहरों तक आना-जाना भी पहले के मुकाबले सरल हो जाएगा.
हमने ईस्टर्न पेरीफेरल रोड़ बनाकर दिल्ली में प्रदूषण कम किया, इसे और कम करने के लिए दिल्ली-NCR में हम करीब 53,000 करोड़ रुपए की 15 योजनाएं लाए हैं और 14 पर काम शुरू हो गया। दिल्ली के लोगों को ट्रैफिक और प्रदूषण से राहत मिलेगी: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी pic.twitter.com/bey2ax3SvR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 16, 2021
24 की जगह 12 घंटे में पूरा होगा सफर
ये प्रोजेक्ट देश के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है. इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होगा. यात्रा की अवधि 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगी. ये एक्सप्रेसवे दूसरे राजमार्गों के दबाव को कम करेगा. दिल्ली में गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा. बस और ट्रक इस एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगे.
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क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की खूबियां
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, सूरत जैसे शहरों तक जाना आना आसान होगा. इसमें जगह जगह हेलीपैड की भी व्यवस्था होगी, जिससे आकस्मिक स्थिति में किसी मरीज़ को एयर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा. इतना ही नहीं ड्रोन के जरिए नज़र आर्थिक गतिविधि को लेकर भी है. 98 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेस वे पर टोल रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक के ज़रिए लिया जाएगा. योजना है कि, अगले साल मार्च में इसका दिल्ली से दौसा तक का हिस्सा खोल दिया जाएगा. साथ ही इसमें पर्यावरण का ख्याल भी रखा गया है. एक्सप्रेस के किनारे 20 लाख पेड़ लगेंगे. जंगल और जीव जंतु के मद्देनजर 3 एनिमल और 5 ओवर पास बनाए जा रहे हैं. आंकलन के मुताबिक, इस एक्सप्रेस वे से 320 मिलियन लीटर फ्यूल की बचत होगी. 850 मिलियन केजी CO2 emission कम होगा. NHAI का कहना है कि अभी 8 लेन तैयार हो रहा है, जरूरत पड़ने पर 12 लेन का बनाया जा सकेगा. इसके निर्माण कार्य से 50 लाख दिन का रोजगार पैदा होगा.
375 किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनकर तैयार
आपको बता दें कि, 9 मार्च 2019 को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने रखी थी. 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है. 1380 किलोमीटर में से 1200 किलोमीटर पर काम चल रहा है, जबकि 375 किलोमीटर सड़क पूरी हो चुकी है. इस एक्सप्रेसवे को बनाने में कुल 98 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसके बन जाने के बाद दिल्ली मुंबई की दूरी कम हो जाएगी.
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पर्यावरण का रखा खास ख्याल
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एक अनुमान के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से मुंबई की दूरी 130 किलोमीटर कम हो जाएगी.
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इससे 320 मिलियन लीटर ईंधन की बचत होगी और 850 मिलियन किलोग्राम कॉर्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का उत्सर्जन कम होगा.
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एक्सप्रेसवे के किनारे 20 लाख पेड़ लगेंगे, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा. हवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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वन्य क्षेत्रों और वन्य जीवन को ध्यान में रखते हुए 3 एनिमल और 5 ओवरपास बनाए जा रहे है यानी इस एक्सप्रेसवे के नीचे और ऊपर से कई जगह जंगली जानवरों के मूवमेंट हो सकेगा.