UP में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति कारगर, ये जिले हुए ‘कोरोना मुक्त’

0
271

द लीडर हिंदी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। अलीगढ़, बलरामपुर, बस्ती, एटा, महोबा, ललितपुर, हाथरस, श्रावस्ती ऐसे जिले है जहां अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जिले कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

यह भी पढ़ें: ओवैसी का संघ प्रमुख भागवत के बयान पर पलटवार, बोले- धर्म के आधार पर नागरिकता देने वाला कोई कानून अस्वीकार्य

किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस नहीं मिले

बीते कई दिनों से किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस नहीं मिल रहे हैं। यह स्थिति बताती है कि, प्रदेश में महामारी की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1,028 है।

24 घंटे में 53 नए कोरोना मरीज मिले

वहीं 24 घंटे में 02 लाख 34 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की गई। इस दौरान प्रदेश में मात्र 53 कोरोना के नए मरीज मिले। जबकि 56 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।

यह भी पढ़ें:  #FarmersProtest: नए कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर से लेकर संसद तक प्रदर्शन

44 जिलों में एक भी नया केस नहीं मिला

बता दें कि, 44 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 31 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6% है।

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति कारगर

एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट की नीति के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में बड़ी सहायता मिली है।

यह भी पढ़ें:  मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह घिरे, 15 करोड़ की रिश्वत के मामले में FIR दर्ज

राज्य में हर दिन हो रही 3 लाख सैम्पल की जांच 

देश मे सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख सैम्पल की जांच की जा रही है और पॉजिटिविटी दर 0.02 फीसदी है। 21 जुलाई तक प्रदेश में 04 करोड़ 20 लाख 39 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है।

अब तक 16 लाख 84 हजार से ज्यादा मरीज हुए स्वस्थ 

अब तक 06 करोड़ 33 लाख 07 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। 16 लाख 84 हजार 286 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

यह भी पढ़ें:  दुनिया में एक्टिव केस मामले में भारत का 7वां स्थान, 24 घंटे में मिले 41 हजार से ज्यादा मरीज

लोगों को किया जा रहा जागरूक

टीबी के सक्रिय मरीज, डेंगू, फाइलेरिया, मलेरिया और इंसेफेलाइटिस आदि से ग्रसित मरीजों की पहचान और उपचार के लिए “घर-घर पर दस्तक अभियान” को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। अभियान के दौरान लोगों को स्वच्छता, सैनीटाइजेशन, पोषण युक्त भोजन आदि की महत्ता के प्रति जागरूक किया जाए।

नियमित टीकाकरण सत्रों में 02 साल तक के बच्चों को जेई का टीका लगाया जाए। इस अभियान के उपरांत 26 जुलाई से “आयुष्मान भारत” योजनांतर्गत गोल्डन कार्ड बनाये जाने के लिए विशेष अभियान संचालित किया जाए।

यह भी पढ़ें: मायावती का ब्राह्मण कार्ड: खुशी दुबे की रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी बसपा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here