द लीडर। जहां एक तरफ यूपी चुनाव नजदीक है वहीं दूसरी तरफ सभी दल जोरों शोरों से चुनावी तैयारियों में जुटे हुए है। इसके साथ ही सभी पार्टियां जनता को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर विपक्ष लगातार हमलावर है। इस बीच यूपी चुनाव में सभी की नजरें टिकी हुई हैं। बता दें कि, उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव से पहले जहां सभी राजनीतिक पार्टियां कानून व्यवस्था को मुद्दा बना रही हैं, जिसको लेकर रोजाना प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करने की हर एक कोशिश कर रही है। वहीं, ये सभी सियासी पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिये दागी नेताओं को टिकट देने में भी परहेज नहीं करती है। एडीआर की एक रिपोर्ट ने विधानसभा चुनाव से पहले इन सभी पार्टियों के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, यूपी विधानसभा में मौजूदा समय के 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज है।
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35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ADR ने 403 विधायकों वाली देश की सबसे बड़ी उत्तर प्रदेश विधानसभा के मौजूदा 396 विधायकों की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 396 विधायकों में से 140 यानी 35 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है, जिसमें से 27 फीसदी यानी 106 विधायकों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 7 ऐसे विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या यानी IPC की धारा 302 में मुकदमा दर्ज हैं। वहीं 2 विधायक पर महिला अपराध और 36 विधायक पर हत्या के प्रयास में केस दर्ज है।
BJP में सबसे ज्यादा आपराधिक प्रवृत्ति के विधायक
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 304 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी के सबसे ज्यादा 106 (35 फीसदी) विधायकों पर आपराधिक मामले है, उसमें से 77 विधायकों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। वहीं 49 विधायकों वाली समाजवादी पार्टी के 18 पर आपराधिक मामले जिसमें से 15 विधायकों पर IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। इसी तरह बीएसपी के कुल 16 विधायकों में 5 विधायक पर आपराधिक, जिसमें 4 पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। 7 विधायकों वाली कांग्रेस के एक विधायक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। वहीं अपना दल एस के टोटल 9 विधायक है जिसमें से 4 के खिलाफ आपराधिक, उसमें से 3 विधायक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। 4 विधायकों वाली सुभासपा के दो विधायकों पर IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। आईएनडी पार्टी के तीनों विधायक और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के एक विधायक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
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बता दें, देश का सबसे बड़ा सूबा होने के नाते उत्तर प्रदेश में 403 विधायक हैं, जिसमें सात सीटें रिक्त है। वहीं लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव व्यवस्था और नेताओं पर नजर रखने वाली एडीआर ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले, मौजूदा विधानसभा के विधायकों की पूरी कुंडली सामने रख दी है. 2017 में विधानसभा चुनाव व उपचुनाव में मौजूदा विधायकों ने जो शपथ पत्र दाखिल किए थे उनके विश्लेषण के बाद, ADR ने ये रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा विधानसभा में 35 फीसदी विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज रहे जिनमें बीजेपी के सर्वाधिक 106 विधायक शामिल हैं. इतना ही नहीं अपराधिक छवि के विधायकों के साथ-साथ करोड़पति विधायक भी सबसे ज्यादा बीजेपी में ही हैं.
यूपी के 79% विधायक करोड़पति
मौजूदा विधानसभा में विधायकों की संपत्ति की बात करें, तो कुल 396 विधायकों में 313 यानी 79 फीसदी विधायक करोड़पति हैं. सबसे ज़्यादा करोड़पति विधायक बीजेपी में हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि, बीजेपी 235, सपा के 42, बीएसपी के 15 और कांग्रेस के 5 विधायक करोड़पति हैं. हर विधायक की औसत संपत्ति 5.85 करोड़ है. पार्टीवार विधायकों की औसत संपत्ति के हिसाब से बीजेपी के विधायकों की औसत संपत्ति 5.04 करोड़ समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसत संपत्ति 6.07 करोड़, बीएसपी के 16 विधायकों की औसत संपत्ति 19.27 करोड़ और कांग्रेस के 7 विधायकों की औसत संपत्ति 10.06 करोड़ है.
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ये हैं यूपी के सबसे अमीर विधायक
अब अगर सबसे धनाढ्य विधायक की बात करें तो सबसे ज्यादा संपत्ति बीएसपी के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के पास 118 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. दूसरे नंबर पर बीएसपी के चुल्लू पार से विधायक विनय शंकर तिवारी के पास 67 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, और तीसरे नंबर पर बाह विधानसभा से विधायक रानी पक्षालिका सिंह के पास 58 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.
इन विधायकों पर 1 करोड़ से ज़्यादा की देनदारी
संपत्ति के साथ-साथ मौजूदा विधायकों के ऊपर देनदारियां भी कम नहीं थीं. रिपोर्ट में पाया गया कि, 49 विधायकों पर एक करोड़ से ज़्यादा की देनदारी थी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर 26 करोड़, नेचतुर विधानसभा से विधायक ओम कुमार पर 11 करोड़, इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह पर 9 करोड़ की घोषित देनदारी रही. वहीं एडीआर की रिपोर्ट ने विधायकों की शिक्षा का भी विश्लेषण किया. रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 396 विधायकों में 95 विधायक आठवीं से 12वीं पास है. 290 विधायक ग्रेजुएट हैं, 4 विधायक साक्षर भर है, 5 विधायक डिप्लोमा होल्डर हैं.
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