दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के करीबियों के यहां छापेमारी में मिली 2.82 करोड़ की नकदी

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द लीडर | दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के यहां ईडी ने सोमवार को छापेमारी की थी और करोड़ों रुपये का कैश और आभूषण बरामद करने का दावा किया है. प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने सात ठिकानों पर ये छापेमारी की. दावा किया जा रहा है कि इसमें प्रकाश ज्वैलर के यहां 2.23 करोड़ कैश मिला. जबकि एक अन्य सहयोगी वैभव जैन के यहां  41.5 लाख कैश 133 सोने के सिक्के मिले. जबकि जीएस मथारू के यहां 20 लाख रुपये कैश मिला है. ईडी के मुताबिक, छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. साथ ही कुल 2.85 करोड़ रुपये नकद और 133 सोने के सिक्के मिले हैं, जिनका वजन 1.80 किलो के करीब है, जिनके स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.


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किन लोगों के वहां छापेमारी की गई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मनी लांड्रिंग के कानून के तहत ये छापेमारी की थी. ये छापेमारी सत्येंद्र जैन-पूनम जैन और उनके सहयोगी और मामले से प्रत्यक्ष औऱ परोक्ष रूप से जुड़े लोगों के यहां ये कार्रवाई की थी. इनमें प्रमुखतया अंकुश जैन, वैभव जैन, नवीन जैन और सिद्धार्थ जैन शामिल हैं. इसके अलावा जीएस मथारू भी और कुछ अन्य के यहां भी ये कार्रवाई की गई.

सत्येंद्र जैन के घर कल ईडी ने रेड मारी थी

आपको बता दें कि मंत्री सत्येंद्र जैन के घर कल ईडी ने रेड मारी थी. कार्रवाई करीब 12 घंटे से ज्यादा चली थी. ED ने सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगी के घर छापा मारा था. CBI और ED ने जैन पर दो बेटियों समेत परिवार के सदस्यों के जरिए जांच एजेंसियों को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं सोमवार को ही मंत्री के आवास पर छापामार कार्रवाई हुई थी. आरोप है कि उन्होंने 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया है.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए जैन

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कथित तौर पर 16 करोड़ रुपये से अधिक का शोधन किया है. उनके परिवार के साथ, जैन परिवार के दो अन्य लोग भी इस व्यापक साजिश का हिस्सा होने के चलते ईडी की जांच के दायरे में हैं.

आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप

सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का लंबा दौर भी चला है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि 7-8 साल पुराने इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और जैन को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. सरकार की ओर से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. वहीं बीजेपी ने जैन की गिरफ्तारी के बाद भी उन्हें मंत्री बनाए रखने को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन के विभाग तो दूसरे मंत्रियों के दे दिए हैं, लेकिन उन्हें मंत्री बनाए रखा है.

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