द लीडर : इमाम अहमद रजा खां, जोकि आला हजरत के नाम से मशहूर हुए. उनके इंतकाल के आज ठीक 100 बरस हो गए हैं. 28 अक्टूबर 1921 को 65 साल की उम्र वह इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. आला हजरत 18वीं और 19वीं सदी के बड़े मुजद्दिद (विद्वान) माने गए. दुनिया भर में उनके 200 मिलियन से ज्यादा चाहने और मानने वाले हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में उनका मजार है. जहां हर साल उर्से रजवी में लाखों अकीदतमंद शामिल होते हैं.
खानदाने आला हजरत का ताल्लुक अफगानिस्तान के कंधार से है, जो पश्तून पठान हैं. इमाम अहमद रजा खां का जन्म 1856 में बरेली के जसौली मुहल्ले में हुआ था. अपने वालिद मुफ्ती नकी अली खान से बुनियाद तालीम हासिल की. आला हजरत सूफिज्म विचार के वाहक बने. देखिए उनकी जिंदगी पर बनी ये डॉक्यूमेंट्री.