शिक्षाकिताबों की दुनियां येहूदा अमिखाई की कविता ‘बम का व्यास’ By admin - March 3, 2022 0 867 Facebook Twitter Pinterest WhatsApp बम का व्यास बम का व्यास तीस सेंटीमीटर था बम का व्यास और इसका प्रभाव पडता था सात मीटर तक चार लोग मारे गए ग्यारह घायल हुए इनके चारों तरफ एक और बड़ा घेरा है – दर्द और समय का दो हस्पताल और एक कब्रिस्तान तबाह हुए लेकिन वह जवान औरत जो दफ़नाई गई शहर में वह रहने वाली थी सौ किलोमीटर दूर आगे कहीं की वह बना देती है घेरे को और बड़ा (Diameter Of The Bomb) और वह अकेला शख़्स जो समुन्दर पार किसी देश के सुदूर किनारों पर उसकी मृत्यु का शोक कर रह था – समूचे संसार को ले लेता है इस घेरे में और मैं अनाथ बच्चों के उस रूदन का ज़िक्र तक नहीं करूंगा जो पहुँचता है ऊपर ईश्वर के सिंहासन तक और उससे भी आगे और जो एक घेरा बनाता है बिना अंत और बिना ईश्वर का। (Diameter Of The Bomb) यह भी पढ़ें: युद्ध और बच्चे: उमेश चौहान की कविता (आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)