‘ताऊते’ के बाद चक्रवात ‘यास’ को लेकर अलर्ट, इन राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

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नई दिल्ली। देश के तटीय राज्य अभी टाउते के प्रभाव से उबरे नहीं है कि, नए तूफान यास का खतरा तैयार हो गया है. मौसम जानकार आशंका जता रहें हैं कि, ये नया चक्रवात 24 मई तक तैयार हो सकता है.

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ओडिशा समेत कई राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर

समुद्र में उठ रहे नए तूफान के मद्देनजर केंद्र और ओडिशा समेत कई राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं. इसके संबंध में नौसेना और तटरक्ष बल से भी तैयार रहने के लिए कहा गया है.

‘यास’ के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से गुजरने की आशंका

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 26 मई को यास चक्रवात के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से गुजरने की आशंका जताने के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने 30 में से 14 जिलों को सतर्क कर दिया है. ओडिशा के मुख्य सचिव एससी मोहपात्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों के संग बैठक के बाद कहा कि, अगर चक्रवात ‘यास’ का राज्य पर कोई प्रभाव पड़ता है तो राज्य सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है.

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5 बिंदुओं से समझिए चक्रवात ‘यास’ की पूरी स्थिति

  • स्कायमेट वेदर के अनुसार, यास तूफान 24 मई को तैयार होगा. एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि यह तूफान 25 मई की रात या 26 मई की सुबह को उत्तर पश्चिम की ओर पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तट की ओर बढ़ सकता है.
  • इस तूफान को यास नाम ओमान की तरफ से दिया गया है. जबकि, हाल ही में आए टाउते का नामकरण म्यांमार ने किया था. टाउते का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र और गुजरात में देखने को मिला था.
  • एजेंसी ने जानकारी दी है कि समुद्र के सतह के तापमान और विंड शीयर के लिहाज से हालात अनुकूल हैं. ऐसे में यास के भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना भी काफी ज्यादा है.
  • मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को हा था कि 22 मई को उत्तरी अंडमान सागर और आसपास की पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
  • कहा जा रहा है कि टाउते की तरह ही इस तूफान की समयसीमा, तीव्रता ट्रैक की पहचान शुरुआत में मुश्किल हो रही है. स्कायमेट वेदर ने कहा है कि चक्रवात शुरू होने के 24 से 48 घंटों के बाद जानकरी और साफ हो सकेगी.
  • एजेंसी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के प्रभाव के लिए समय कम होगा. ऐसे में चुनौती का सामना करने के लिए तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए. केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि, स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं तथा संसाधनों का भंडार रखा जाए ताकि यास तूफान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.

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