The Leader. अजमेर में ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह से एक के बाद एक ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं, जो सुन्नी बरेलवी मुसलमानों को ग़ुस्सा दिलाने के साथ चौंकाने का काम कर रही हैं. पहले वहां क़ुल से एक दिन पहले आला हज़रत के नारे लगाने और उनका लिखा सलाम पढ़ने पर मारपीट हुई, पुलिस को दख़ल देना पड़ा. मुक़दमा भी दर्ज कर लिया. उसके बाद क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान ताजुश्शरिया की दरगाह के सज्जादानशीन मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा ख़ान क़ादरी के दामाद सलमान हसन की अंजुमन सय्यद ज़दगान खुद्दाम-ए-ख़्वाजा दरगाह अजमेर कमेटी के सेक्रेट्री सय्यद सरवर चिश्ती से मुलाक़ात के वीडियो-फोटो वायरल हो गए. दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां का एतराज़ सामने आने के बाद उन्हें तौबा मांगनी पड़ी. अब उन पर बड़े एक्शन की मांग उठ रही है.
अजमेर में ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह पर आला हज़रत का सलाम पढ़ने पर रज़वियों से मारपीट
सलमान हसन और सरवर चिश्ती में मुलाक़ात की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसलिए क्योंकि यह अजमेर में आला हज़रत का सलाम पढ़ने और नारे लगाने को लेकर हुई मारपीट के कुछ देर बाद हुई. वीडियो में दरगाह आला हज़रत से जुड़े संगठन जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन बरेली आने की दावत सरवर चिश्ती को दे रहे हैं. उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं. इसके लिए उनसे सोशल मीडियो पर तीख़े सवाल पूछे जाने लगे. दरअसल यह मुलाक़ात इस वजह से चर्चा का सबब है, क्योंकि जब नबीर-ए-आला हज़रत मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान सलाम के विवाद में अजमेर जाकर समझौता कराकर आए और वहां सय्यद सरवर चिश्ती के हाथ चूमे तो उनके सय्यद होने पर सवाल उठाए जा रहे थे. इस पर सय्यद सरवर चिश्ती ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो अपलोड करके नाराज़गी जताई थी. कहा था कि कुछ लोग हमें रावज़ी कह रहे हैं. उन्होंने अपना सिलसिला भी तफ़सील के साथ बताया था.
हिम्मत है तो सामने से करें मुख़ालेफ़त- यह किसके लिए कह रहे मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान
बरेली से मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने भी सफ़ाई दी थी कि आला हज़रत ने तो नहीं कहा कि अगर कोई सय्यद बताता है तो हम उसकी तसदीक़ करें. हमें तो ताज़ीम की नसीहत मिली है, हम वही अजमेर में करके आए हैं. ख़ैर यह विवाद एक बार फिर सलमान हसन उर्फ सलमान मियां की सय्यद सरवर चिश्ती से मुलाक़ात के बाद बढ़ता दिख रहा है. सलमान हसन इस मुलाक़ात के लिए अलल एलान यानी सार्वजनिक रूप से तौबा मांग चुके. सफ़ाई भी दे दी कि इस मुलाक़ात से क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान भी बहुत नाराज़ हुए हैं लेकिन उनकी मुख़ालेफ़त में उठ रही आवाज़ें उनके इतना करने के बाद भी धीमी नहीं पड़ी है. सलमान हसन को जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा समेत तमाम ज़िम्मेदारियों से बेदख़ल करने की मांग शिद्दत के साथ उठाई जा रही है.
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