जस्टिस अरुण मिश्रा को NHRC का चेयरमैन बनाए जाने पर क्यों नाराज हैं एक्टिविस्ट और विपक्ष

0
320

द लीडर : Justice Arun Mishra appoint NHRC Chairman. सुप्रीमकोर्ट से रिटायर जस्टिस अरुण मिश्रा को मोदी सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का चेयरमैन नियुक्त किया है. बुधवार को जस्टिस मिश्रा ने आयोग में अपना पद्भार संभाल लिया. लेकिन उनकी नियुक्ति को लेकर तैनाती तक लगातार हंगामा बरपा है. अधिवक्ता, सोशल एक्टिविस्ट से और राजनीतिक गलियारों से भी मिश्रा को चेयरमैन बनाए जाने पर कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है.

नियुक्ति पैनल में शामिल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेयरमैन नियुक्ति पर अपना असहमति पत्र जारी किया है. इसमें कहा है कि मानवाधिकार आयोग में सर्वाधिक मामले एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों आते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि चेयरमैन पद पर इन्हीं वर्गों के किसी व्यक्ति की नियुक्ति की जाए. या पर कम से कम उन्हें सदस्य बनाया जाए.

केवल इस ग्राउंड पर इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है कि चेयरमैन या सदस्य पद पर नियुक्ति के लिए ऐसा कोई विशेष प्रावधान नहीं है कि जिसके तहत इन वर्गों को नियुक्त करना अनिवार्य हो. (Justice Arun Mishra appoint NHRC Chairman )

उन्होंने कहा कि मैंने ये भी सुझाव दिया कि अगर ये अभी संभव नहीं है तो बैठक टाल दी जाए. और चेयरमैन या सदस्य पद के लिए एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्गों से कुछ नाम चुने जाएं. ताकि इनकी नियुक्ति की सिफारिश हो सके.


इसे भी पढ़ें : मजहब की बुनियाद पर मोहसिन शेख की हत्या ही नहीं हुई इंसाफ का हक भी छिन गया


 

खड़गे ने कहा कि लेकिन मेरे सुझावों को स्वीकार नहीं किया गया. इसलिए मैं अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के लिए समिति की सिफारिशों से असहमति व्यक्त करता हूं.

आयोग ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर मिश्रा की नियुक्ति का संदेश जारी किया है. जस्टिस मिश्रा कोलकाता और राजस्थान हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश अपनी सेवाएं दे चुके हैं. (Justice Arun Mishra appoint NHRC Chairman )

एनएचआरसी चेयरमैन के नियुक्ति पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश दीक्षित, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.


इसे भी पढ़ें : पूर्व आइएएस अफसर सूर्य प्रताप पर FIR, बोले-मुख्यमंत्रीजी अब मुझे आतंकवादी घोषित कर दीजिए


 

जस्टिस मिश्रा सुप्रीमकोर्ट में सुने गए कई अहम मामलों की बेंच का हिस्सा रहे हैं. लाइव बीट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें गुजरात के चर्चित पूर्व आइपीएस अफसर संजीव भट्ट का भी एक मामला शामिल है. इसके अलावा सहारा बिरला डायरी, मेडिकल कॉलेज घूस कांड आदि मामलों की बेंच में रहे हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here