छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विवाद के बीच CM भूपेश बघेल की विदाई ? जानिए शुरू से आखरी तक की पूरी कहानी

0
254

द लीडर हिंदी, लखनऊ | पंजाब कांग्रेस की लड़ाई अभी पूरी तरह सुलझ नही पाई थी कि अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस विवाद ने देश की सियासत में गर्मी पैदा कर दिया है. छत्तीसगढ़ में आपसी ववाद इस हद तक बढ़ गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दिल्ली में विधायकों से बात करने जाना पड़ा है.

इस विवाद के बीच सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी झगड़ा थमता नहीं दिख रहा है. ये उमीद जताई जा रही थी की राहुल गांधी के साथ सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ का झगड़ा खत्म हो जाएगा. हालांकि पिछले 2 दिन से जो गहमागहमी रायपुर से लेकर दिल्ली में दिखाई दे रही है, उसे देखकर तो यही लगता है की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है.

35 विधायक पहुंचे दिल्ली 

कांग्रेस आलाकमान से सीएम बघेल और मंत्री सिंहदेव की बातचीत के बाद पिछले दो दिन के अंदर करीब 35 विधायक और 3 मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं. आज करीब 15 से 20 विधायक और दिल्ली पहुंच सकते हैं. विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या छत्तीसगढ़ में विधायकों ने अब बगावती तेवर अपना लिया है.


क्या है पूरा विवाद 

दरअसल, 2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में बहुमत से सरकार बनाई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री की रेस में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा थी. हालांकि, आलाकमान ने उस वक्त भूपेश बघेल को सीएम बनाया था. जबकि टीएस सिंह देव को स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया था.

उस वक्त कहा जा रहा था कि पार्टी ने दोनों नेताओं से 2.5 साल साल तक सीएम रहने का वादा किया था. हालांकि, सिंह देव ने इस फॉर्मूले की बात को नकार दिया. वहीं, बघेल का कहना है कि पार्टी कहेगी तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.

छत्तीसगढ़ में 2 महीने से छिड़ा हुआ है घमासान 

छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल सीएम बने रहने के मसले पर पिछले 2 महीने से घमासान छिड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री के बीच तल्खी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के दोनों नेताओं के साथ बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला जिसके बाद सीएम बघेल और सिंहदेव की लड़ाई दिल्ली दरबार तक पहुंच गई.

दोनों नेताओं से राहुल गांधी ने करीब 3 घंटे तक दिल्ली में मुलाकात की. प्रदेश की जनता से लेकर अधिकारियों और नेताओं को यह लगा था कि अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस का विवाद सुलझ जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर लौटने के बाद विधायकों के साथ उनकी बैठक हुई. उसके बाद विधायकों के दिल्ली जाने का सिलसिला शुरू हो गया है.

कौन हैं टीएस सिंह देव, जो सीएम के पद पर भूपेश बघेल की जगह ले सकते हैं?

बताया जा रहा है कि आलाकमान ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को बदलने का मन बना लिया है. छत्तीसगढ़ में अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जगह टीएस सिंह देव को सीएम बनाया जा सकता है. टीएस सिंह देव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर सिंह देव है. वे सरगुजा के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. टीएस सिंह देव भूपेश बघेल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं.

वे इससे पहले 2013-18 तक नेता प्रतिपक्ष रहे. उस वक्त राज्य में भाजपा की सरकार थी और रमन सिंह मुख्यमंत्री थे. सिंह देव राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं. टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट से विधायक हैं. वे इस सीट से पिछले तीन बार से विधायक हैं. उन्होंने 2018 में इस सीट से भाजपा के अनुराग सिंह देव को मात दी थी. खास बात ये है कि टीएस सिंह देव पहला चुनाव सिर्फ 900 वोट से जीते थे. दूसरा चुनाव 19 हजार वोट से जीते थे. जबकि तीसरे चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 39624 वोटों से मात दी.


विधायक आलाकमान के निर्देशों का पालन करें और अनुशासन में रहें

दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, ”आलाकमान ने किसी कांग्रेस विधायक को दिल्ली नही बुलाया है. प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा है कि किसी विधायक को दिल्ली नहीं बुलाया गया. विधायक आलाकमान के निर्देशों का पालन करें और अनुशासन में रहें.


यह भी पढ़े – अब सुल्तानपुर होगा कुश भवनपुर… योगी कैबिनेट में होगा अंतिम फैसला


आलाकमान ने किसी भी विधायक या मंत्री को नहीं बुलाया: पुनिया

छत्तीसगढ़ पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कल कहा, ख़बरें आ रही हैं कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को दिल्ली बुलाया गया है. मुझे और छत्तीसगढ़ के विधायकों को आलाकमान से कोई बुलावा नहीं आया है. छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने भी कहा कि आलाकमान ने किसी भी विधायक या मंत्री को नहीं बुलाया.”

हाल ही में बघेल और टीएस सिंह देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी

बता दें कि पिछले दिनों बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौट गए थे.


यह भी पढ़े –MP : मामा के राज में अल्पसंख्यकों पर सिलसिलेवार हमले, चूड़ीवाले तस्लीम के बाद फेरीवाले जहीर के साथ मारपीट


सोनिया गांधी- राहुल गांधी जब कहेंगे तब पद छोड़ दूंगा

मुख्‍यमंत्री बघेल ने छतीसगढ़ पहुंचकर कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.

सीएम बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं

गौतलब है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.

बघेल के करीबी विधायक ने सिंहदेव पर हत्‍या की साजिश का आरोप लगाया था

पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गए जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here