‘भारत गौरव ट्रेन’ सेवा क्या है, जिसे भारतीय रेलवे ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया है ?

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द लीडर। भारत सरकार देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए कदम उठा रही है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके और हमारा देश दुनियाभर में मशहूर हो सके। और देश-विदेश से लोग यहां घूमने के लिए आए। वहीं भारतीय रेलवे ने ‘भारत गौरव’ नामक थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेन चलाने का ऐलान किया है जिसे निजी कंपनी भी संचालित कर सकेंगी। सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, रहना, दर्शनीय स्थलों का भ्रमण, ऐतिहासिक/विरासत स्थलों का भ्रमण, टूर गाइड सहित सभी सेवाओं के समावेशी पैकेज देंगे। वे थीम के मुताबिक, कोच के इंटीरियर को डिज़ाइन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।


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भारतीय रेलवे लगातार नए-नए बदलाव कर रहा है जिनसे देश की जनता को अच्छी यात्रा का फायदा मिल सके. इसी कड़ी में आज रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ा एलान किया. रेल मंत्री ने कहा कि, यात्री, माल ढुलाई खंड के बाद रेलवे पर्यटन के लिए ट्रेनों का तीसरा खंड ‘भारत गौरव’ ट्रेन शुरू करेगा. रेल मंत्री ने इसकी जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की. उन्होंने इंडियन रेलवे के पैसेंजर और फ्रेट वर्टिकल के बाद टूरिज्म सेगमेंट का एलान किया है और इसके लिए लगभग 190 ट्रेन आवंटित की गई हैं.

भारत की संस्कृति-विरासत को दर्शाने वाली थीम पर बेस्ड

भारत गौरव ट्रेन भारत की संस्कृति, विरासत को प्रदर्शित करने वाली थीम पर आधारित होंगी. भारत गौरव ट्रेन का संचालन निजी क्षेत्र और आईआरसीटीसी दोनों द्वारा किया जा सकता है और टूर ऑपरेटर द्वारा इन ट्रेनों का किराया तय किया जाएगा.

बता दें कि, भारतीय रेलवे ने थीम आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेन भारत गौरव ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है. रेलवे ने 190 भारत गौरव ट्रेनें सार्वजनिक-निजी साझीदारी से चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए 3,000 से अधिक रेल कोचों की पहचान की गई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ये नियमित ट्रेनें नहीं हैं जो समय-सारणी के हिसाब से चलें. हमने इन थीम-आधारित ट्रेनों के लिए 3,033 रेल डिब्बों यानी 190 ट्रेनों को चिह्नित किया है. उन्होंने बताया कि, यात्री और मालगाड़ी सेक्शन के बाद सरकार अब भारत गौरव ट्रेनों के लिए पर्यटन सेगमेंट शुरू कर रही है. ये ट्रेनें भारत की संस्कृति और धरोहर को दर्शाएंगी.


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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ये ट्रेनें भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थानों को दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेंगी. रेल मंत्री ने कहा कि, इन ट्रेनों का संचालन निजी क्षेत्र और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (IRCTC), दोनों ही कर सकते हैं. इनके लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. रेलवे मंत्री ने बताया कि, भारत गौरव ट्रेन परिचालन के लिए विभिन्न पर्यटन कारोबारी कंपनियां, राज्य सरकारों के पर्यटन मंडलों और आईआरसीटीसी सहित 15 पक्षकारों ने दिलचस्पी दिखाई है. यह योजना करीब एक हजार पक्षकारों से गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है.

रामायण सर्किट ट्रेन पहली भारत गौरव ट्रेन

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, भारत गौरव ट्रेनों के पहले उदाहरण के रूप में रामायण सर्किट ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है. इसके अलावा भारतीय संस्कृति एवं विरासत के अनेकानेक आयामों जैसे- शिवाजी सर्किट, दुर्ग सर्किट, ज्योर्तिलिंग सर्किट, जंगल सफारी सर्किट, जगन्नाथ सर्किट, दक्षिण भारतीय मंदिर सर्किट, सिखों के गुरुओं के स्थानों का भ्रमण कराने के लिए गुरु कृपा सर्किट आदि, पर उनकी थीम आधारित विशेष पर्यटक गाड़ियों को चलाने की योजना है. ऑपरेटरों को थीम निर्धारित करने की छूट होगी.


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यात्रियों को मिलेगी हर सुविधा

रेल मंत्री ने बताया कि, भारत गौरव ट्रेनों के लिए ट्रेन ऑपरेटरों को आकर्षक रियायतें दी जा रही हैं. ऑपरेटरों को यात्रा और भ्रमण के सभी तत्वों को शामिल करके सस्ता और गुणवत्तापूर्ण पर्यटन का पूर्ण पैकेज मुहैया कराने को कहा गया है जिसमें भोजन, टैक्सी, होटल, प्रवेश शुल्क, गाइड आदि सब कुछ शामिल होगा. उन्होंने यह भी साफ किया कि, पैकेज में प्रति व्यक्ति मूल्य तय करने का अधिकार ऑपरेटर का होगा लेकिन विवाद की दशा में रेलवे के पास हस्तक्षेप का अधिकार होगा.

कैसी होगी भारत गौरव ट्रेन ?

रेल मंत्री ने बताया कि, एक ट्रेन में मुसाफिरों के लिए लग्जरी, बजट आदि विभिन्न श्रेणियों के 12 से लेकर 20 कोच तक हो सकते हैं. कोचों में थीम के मुताबिक, आंतरिक साज-सज्जा करने एवं ट्रेन के भीतर और बाहर दोनों जगह ब्रांडिंग और विज्ञापन लगाने सहित सभी आवश्यक बदलाव करने की छूट ऑपरेटर को दी जाएगी. भारत गौरव ट्रेन के लिए एक चरण वाली आसान पारदर्शी ऑनलाइन रजिस्ट्रेश प्रक्रिया निर्धारित की गई है और रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र एक लाख रुपये निर्धारित किया गया है. सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन उपलब्धता पर निर्भर है.


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