द लीडर | पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद टीएमसी कार्य़कर्ता उग्र हो गए और इलाके में हिंसा फैल गई। गुस्साई भीड़ ने 10-12 घरों के गेट को बंद करके उसमें आग लगा दी। आग से 10 लोग जिंदा जलकर मर गए। फिलहाल इलाके में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है। लोकल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक की जांच में मामला राजनीतिक रंजिश का लग रहा है।
West Bengal | Around 10-12 houses were set on fire last night. A total of 10 dead bodies have been recovered, 7 dead bodies were retrieved from a single house: Fire officials on death of several people after a mob allegedly set houses on fire and killed a TMC leader in Birbhum. pic.twitter.com/KOW2ldlCgy
— ANI (@ANI) March 22, 2022
टीएमसी पंचायत नेता भादू शेख की हत्या
बताया जा रहा है कि बीरभूम के रामपुरहाट में टीएमसी पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या सोमवार रात को की गई थी। यहां चर्चा कर दें कि पश्चिम बंगाल से राजनीतिक हिंसा के सामाचार समय-समय पर आते रहते हैं। कुछ दिन पहले ही दो पार्षदों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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बम फेंककर की गई हत्या
बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सोमवार देर रात बम फेंककर पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
11 लोग हुए गिरफ्तार
डीजीपी मनोज मालविया ने बताया कि अभी तक 8 शव बरामद हुए हैं। एक घर से ही 7 शव मिले हैं। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसके अलााव एसडीपीओ रामपुरहाट को हटा दिया गया है। कुल 11 लोग गिरफ्तार हुए हैं।
पिछले साल भी हिंसा में 16 लोगों की गई थी जान
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटना हो रही है। पिछले साल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान ले ली थी।
बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक
जानकारी के अनुसार हत्याओं के बाद क्षेत्र के किसी भी घर में एक भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है। यह हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावरों द्वारा इमारतों में आग लगाने से पहले कई लोगों को उनके घरों के अंदर बंद कर दिया गया था। पुलिस अब मौके पर पहुंच गई है और जांच की जा रही है।