द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में कबाब खाने पर टेस्ट नहीं आने पर कबाब कारीगर को गोली मारकर क़त्ल के मामले में कोर्ट का फ़ैसला आ गया. गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर मयंक रस्तोगी और उसके साथ तंज़ीम शमसी को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. इन दोनों पर धारा 302 के तहत जुर्म साबित हो गया. दोनों ने साल 2023 में मई माह के दौरान सनसनीख़ेज़ और दुस्साहसिक वारदात अंजाम दी थी. प्रियदर्शिनी नगर में पंजाबी कबाब कार्नर पर मटन कबाब खाए और उसमें मज़ा नहीं आया तो कबाब कारीगर पर बिगड़ने लगे.
गंदी भाषा इस्तेमाल की. इसके बावजूद कबाब नसीर माफ़ी मांगता रहा, फिर भी उसे गोली मार दी गई. उसे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. इस मामले का मुक़दमा कबाब कार्नर के मालिक अंकुर सब्बरवाल ने दर्ज कराया था. पुलिस ने घटना के अगले दिन इनोवा गाड़ी का नंबर ट्रैस करके क़िला में बवनपुरी के रहने वाले सराफ़ मयंक रस्तोगी उर्फ गोल्डन बाबा और फूटा दरवाज़ा के तंज़ीम शमसी को गिरफ़्तार कर लिया था. कबाब कारीगर नसीर बेहद ग़रीब थे. उनके बच्चों और पत्नी के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. आज अपर सेशन जज देवाशीष पाण्डेय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है.