उत्तराखंड में पूर्ण लॉक डाउन के लिये सरकार पर दबाव बढ़ा

0
266

द लीडर देहरादून। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के विधायक औऱ राज्यकर्मचारियों ने भी सरकार पर सम्पूर्ण लॉक डाउन के लिए दबाव बनाया है। बहुत संभव है 10 मई के बाद उत्तराखंड में और सख्ती का ऐलान हो जाय।

प्रदेश मैं अब जिलों के बीच आवाजाही पर सरकार रोक लगा सकती है, और इसी तरह राज्य मैं बहार से आने और बहार जाने पर भी रोक लग सकती है । शनिवार को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और शहर के अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सम्पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने को कहा।
उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों के लिए उत्तराखंड रोडवेज की सेवा बंद हो गयी है । इसके पीछे मुख्य वजह राज्यों मैं बाहरी बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगना है ।
शासकीय प्रवक्त्ता, सुबोध उनियाल का कहना है कि सख्त कदम उठाने की पूरी तैयारी है। इसके कौन कौन से तरीके होंगे और किस तरह से उन्हें लागू किया जायेगा, इस पर बिचार किया जा रहा है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ऑनलाइन बैठक में प्रदेश में सख्त लॉकडाउन लगाने की पैरवी की गई। साथ ही कहा गया कि यदि सरकार ने सरकारी कार्यालयों को बंद नहीं किया तो हम ही कार्यालयों में एंट्री बंद कर देंगे।
परिषद के प्रांतीय कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि बैठक में परिषद के प्रांतीय, मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ संबद्ध घटक संघो के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। परिषद ने कम से कम 15 दिन तक के लिए कार्यालय बंद करने की की मांग की। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए ये अत्यंत आवश्यक है। कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्यालय में उपस्थित हो रहे हैं।
बैठक में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि गोल्डन कार्ड का कोई भी लाभ प्रदेश के कार्मिकों व पेंशन धारकों को प्राप्त नहीं हो रहा है। यहां तक की वह अस्पताल भी इलाज करने से मना कर दे रहे हैं। जिन की सूची राज्य स्वास्थ्य अभिकरण से जारी की गई है। ऐसी स्थिति में मांग की गई कि यदि गोल्डन कार्ड की व्यवस्था कार्मिक संगठनों के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सुधारी नहीं गई तो परिषद के प्रांतीय पदाधिकारी 15 दिन के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के मुख्यालय पर 1 घंटे का सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। मांग की गई कि राज्य के उन कार्मिकों को 50 लाख के बीमे का कवर प्रदान किया जाए, जो कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। राज्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीका लगाए जाने की भी मांग की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here