द लीडर। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के करीबी रहे उत्तराखंड में अपर सचिव स्तर के प्रमोटी आईएएस अफसर रामविलास यादव को उत्तराखंड विजिलेंस ने अरेस्ट कर लिया। वह उत्तराखंड विजिलेंस की दो महिला अधिकारियों के सवालों का प्रोपर जवाब नहीं दे पाए।
संपत्तियों के दस्तावेज सामने रखकर पूछताछ की गई तो उसने चुप्पी साध ली। कई घंटों पूछताछ करने के बावजूद भी उन्होंने मुंह नहीं खोला तो विजिलेंस ने उसे अरेस्ट कर लिया, अब रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
लखनऊ में हैं करोड़ों का आवास
आईएएस रामविलास यादव का लखनऊ के दिलकश विहार रानीकोठी में स्थित आवास करोड़ों का है। वह पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं, इसके अलावा मंडी परिषद में एडिशन डायरेक्टर रहे हैं।
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एक सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्र ने उनके खिलाफ शिकायत की थी जिस पर केस दर्ज कर उत्तराखंड विजिलेंस की टीम लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी कर रामविलास यादव की एक एक संपत्ति का पता लगाकर उस पर शिकंजा कसा था।
हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक की याचिका
उत्तराखंड की नैनीताल हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी अपर सचिव समाज कल्याण विभाग रामविलास यादव की गिरफ्तारी पर रोक के मामले पर सुनवाई की। आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि, रामविलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि वे जांच में सहयोग कर रहे हैं।
मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई को होगी
मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक शपथपत्र कोर्ट में पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि, कोर्ट के आदेश पर याची विजलेंस में खुद पेश हुए। उसके बाद भी गिरफ्तार कर लिया गया। सरकारी वकील ने कहा जांच सहयोग नहीं कर रहा है।
राम विलास यादव के ठिकानों पर छापेमारी
बता दें कि, उत्तराखंड पुलिस की विजिलेंस ने आईएस राम विलास यादव को अरेस्ट कर लिया। विजिलेंस के आईजी सेक्टर देहरादून पर अप्रैल में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रामविलास यादव, आईएएस, अपर सचिव उत्तराखण्ड शासन के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया था। उनके ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी चली। जो दस्तावेज व साक्ष्य मिले, उनके बारे में पूछताछ करने विजिलेंस ने रामविलास यादव को बुधवार को देहरादून में बयान अंकित कराने हेतु बुलाया।
एसपी विजिलेंस रेनू लोहानी और केस की विवेचक पुलिस उपाधीक्षक अनुषा बडोला के सामने पहुंचे तो इनके पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में सवाल पूछना शुरू किए गए। रामविलास यादव संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया आरोपी अधिकारी अपने, दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित में आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय किये गये भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफडी खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चा के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाये।
अब तक की विवेचना में उपलब्ध अभिलेखों व आरोपी से पूछताछ पर चैक पीरियड में कुल आय 50,48,204 रूपये तथा व्यय 3,12,37,756 रूपए पाया गया, जो अनानुपातिक सम्पत्ति अर्जित की गयी है आरोपी अधिकारी को आय व्यय की उपरोक्त रकम बतायी गयी तो कुछ भी स्पष्ट नही बता पाये। तमाम अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर उनके द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना स्पष्ट होता है कि आरोपी अधिकारी ने यह संपत्ति भ्रष्टाचार से बनाई है।
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