ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी से गठबंधन के लिए रखीं ये शर्तें ?

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द लीडर हिंदी, लखनऊ। चुनावी मौसम में जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट होने की बात कर रहा है. तो वहीं अब सुभासपा के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से लखनऊ में मुलाकात की. ये मुलाकात करीब एक घंटा चली. जिससे एक बार फिर राजभर के एनडीए में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

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ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि, ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी. देश पहले कृषि प्रधान था, अब जाति प्रधान देश है. हम पिछली जाति से आते हैं. वह भी पिछड़ी जाति से आते हैं. इसलिए हम मुलाकात करते रहते हैं.

ओम प्रकाश राजभर ने गठबंधन के लिए रखीं ये पांच शर्ते

गठबंधन के सवाल पर राजभर ने कहा कि, कौन नहीं चाहता ओम प्रकाश से गठबंधन हो जाए. हमारी पांच शर्तें हैं. अगर बीजेपी शर्तें मान लें तो उसके बाद विचार करेंगे. क्योंकि मैं धोखा खा चुका हूं.

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चुनाव जीतने पर पिछड़ी जाति का नेता ही मुख्यमंत्री होगा

एक शर्त ये है कि, चुनाव जीतने पर पिछड़ी जाति का नेता ही मुख्यमंत्री होगा. प्रदेश 52 फीसदी पिछड़ी आबादी है. ऐसे कैसे कि वोट हमारा और राज तुम्हारा. अब ऐसा नहीं होगा. वोट हमारा होगा और राज भी हमारा होगा. हम 2022 करके दिखाएंगे.

राजभर तभी गठबंधन करेंगे जब योगी सीएम पद के उम्मीदवार नहीं होंगे

मतलब ओम प्रकाश राजभर तभी बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं होंगे. वहीं बीजेपी योगी आदित्यनाथ को ही सीएम उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में बीजेपी और ओम प्रकाश राजभर का गठबंधन मुश्किल लग रहा है.

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राजभर ने कहा कि, मैंने बीजेपी में मंत्री पद छोड़ा. बीजेपी के टिकट पर लड़ा होता तो शायद सांसद बनकर दिल्ली भी गया होता. मेरी बीजेपी से जो लड़ाई है वो देश में पिछड़ी जाति के जातिवार जनगणना जो हो रही है उसको लेकर है.

 एक समान शिक्षा गरीब लोगों को दिलाई जाए

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, बीजेपी से दूसरा संघर्ष सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए था, जिसपर तीन साल से कुछ नहीं हुआ है. तीसरा हमारा मुद्दा है एक समान शिक्षा और मुफ्त शिक्षा गरीब और कमजोर लोगों को दिलाई जाए. 33 प्रतिशत रिजर्वेशन महिलाओं का है जो लोकसभा में विचाराधीन है. सत्ता से बाहर रहने पर लोग इसे लागू कराने और शराबबंदी की बात करते हैं.

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इस सवाल पर कि अगर बीजेपी उनकी इस मांग को मान लेती है तो क्या वो दोबारा एनडीए में जा सकते हैं, दोबारा बीजेपी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं? इसपर उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले ये चीजें लागू करे. उसके बाद 52 प्रतिशत आबादी पिछड़ों की है. पिछड़े के बेटे को सीएम बनाने की घोषणा हो. बल्कि इस बात की अभी घोषणा कर दी जाए.

ओवैसी संग गठबंधन पर बोले ओमप्रकाश राजभर

असदुद्दीन ओवैसी संग गठबंधन की चर्चाओं पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, असदुद्दीन ओवैसी उनके मोर्चे, भागीदारी मोर्चा का अभी तक आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं हैं. ओमप्रकाश राजभर ने पूछा कि, क्या असदुद्दीन ओवैसी कभी भागीदारी मोर्चा में शामिल होने की घोषणा की गई हो. ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक बीजेपी उनकी शर्ते मान ले जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट बीजेपी लागू कर दे तो वह एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे.

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