UP : उलमा के बाद अवैध धर्मांतरण की चपेट में IAS इफ्तिखारुद्​दीन, एसआइटी करेगी जांच

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IAS Iftikharuddin Religious Conversion
IAS Mohammad Iftikharuddin.

द लीडर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अवैध धर्मांतरण का मुद्​दा लगातार गरमाता जा रहा है. लव जिहाद (Love Jihad) के आरोपों के बीच संगठित तरीके से धर्मांतरण (Religious Conversion) मुहिम चलाने के आरोप में कई उलमा गिरफ्तार किए जा चुके हैं. और अब एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मुहम्मद इफ्तिखारुद्​दीन (IAS Muhammad Iftikharuddin) इसकी चपेट में हैं. कथित रूप से उनका एक पुराना वीडियो वायरल होने पर राज्य सरकार ने एसआइटी जांच बिठा दी है. (IAS Iftikharuddin Religious Conversion)

1985 बैच के आइएएस अफसर मुहम्मद इफ्तिखारुद्​दीन अभी राज्य सड़क परिवहन प्रमुख के पद पर लखनऊ में तैनात हैं. साल 2007 से 2018 के बीच वह कानपुर में कई अहम प्रशासनिक पदों पर नियुक्त रहे हैं. मंडलायुक्त भी रहे.

कानपुर में ही तैनाती के दौरान का बताकर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस दावे के साथ कि ये वीडियो इफ्तिखारुद्​दीन के सरकारी आवास का है. जहां कुछ उलमा धर्मांतरण और इस्लाम के फायदे बता रहे हैं. और इफ्तिखारुद्​दीन जमीन पर बैठे हैं. इस तरह के तीन वीडियो सामने आए हैं.

इस वीडियो को राजस्थान-अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन के अलावा सुदर्शन न्यूज चैनल समेत कई वैरिफाइड् ट्वीटर एकाउंट से शेयर किया गया था. इसके बाद यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे गंभीर बताया और मामले की जांच की बात कही.


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केशव प्रयाद मौर्या के बयान के बाद ही राज्य गृहमंत्रालय ने सीबीसीआइडी के डीजी जीएल मीणा की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर दी है. जो सात दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट गृहमंत्रालय को सौंपेगी. (IAS Iftikharuddin Religious Conversion)

वीडियो को लेकर इफ्तिखारुद्​दीन निशाने पर हैं. और सुदर्शन न्यूज चैनल ने जैसे, यूपीएससी-जिहाद का विवादित मुद्​दा उछाला था. इफ्तिखारुद्​दीन को उसके केंद्र में रखकर सुदर्शन के यूपीएससी-जिहाद वाले दावे को प्रमाणित करने की कोशिश की जा रही है.

 

इसको लेकर महाराष्ट्र के पूर्व आइपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने कहा, ”यूपी कैडर के आइएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन को एक पुराने और आउट ऑफ कंटेंट वीडियो के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है. मीडिया को उनकी छवि खराब करने से रोकने के लिए, अदालत का रुख करना चाहिए. अगर सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की कठोर कार्रवाई का फैसला करती है. तो उन्हें कैट में जाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.”

हाल ही में यूपी के आतंक निरोधी दस्ता (ATS)ने मुजफ्फरनगर के मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीमुद्​दीन और उनके मदरसे में पढ़ाने वाले हाफिज इदरीस समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने मौलाना कलीम पर देश में धर्मांतरण गिरोह चलाने का मुख्य सरगना होने का आरोप लगाया है.

मौलाना कलीम इसी साल 7 सितंबर को मुंबई के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भी मिले थे. वह देश-दुनिया में इस्लाम और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करते हैं.

इससे पहले जून में नोएडा से मौलाना उमर गौतम को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. तभी देश में धन-लालच देकर बड़ा धर्मांतरण गिरोह चलाए जाने का दावा किया गया था. उसी कड़ी में ये गिरफ्तारियां हुई हैं. और अब आइएएस इफ्तिखारुद्​दीन इसकी जद में आ गए हैं.

मामले की जांच एसआइटी के सुपुर्द है. उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि इफ्तिखारुद्​दीन आरोपी हैं या नहीं. लेकिन मीडिया ट्रायल में पहले ही उन्हें धर्मांतरण कराने वाले विलेन के तौर पर पेश कर दिया गया है. (IAS Iftikharuddin Religious Conversion)

पिछले साल ही राज्य सरकार ने अवैध धर्मांतरण कानून बनाया है. जिसके अंतर्गत यूपी में इस साल जून तक करीब 65 के मामले पंजीकृत हुए थे. तब से ही यूपी में अवैध धर्मांतरण का मुद्​दा गरमाया हुआ है.

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