द लीडर। समाजवादी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. वहीं सपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है. और इस बार मुसलमानों और यादवों पर अखिलेश यादव ने दांव चला है. इसके साथ ही उन्होंने पुराने नेताओं पर भरोसा जताते हुए उनको टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं सपा अपनी जीत का दम भर रही है.
बेहद दिलचस्प हुई सियासी लड़ाई
विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के गढ़ मैनपुरी की करहट सीट से मैदान में उतरे हैं. वहीं कई और जिले ऐसे है जहां सपा का दबदबा है. लेकिन आगरा हमेशा से ही समाजवादी पार्टी के लिए राजनीतिक तौर पर कमजोर रहा है, लेकिन इस बार यहां की फतेहाबाद सीट से सपा ने बाहुबली की बेटी रुपाली दीक्षित को टिकट देकर इस सीट पर बीजेपी के साथ सियासी लड़ाई को बेहद दिलचस्प बना दिया है.
बाहुबली की बेटी रुपाली विदेश से पढ़ाई कर लौटी हैं. दुबई की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने साल 2016 में राजनीति में कदम रखा और फिर 2017 में बीजेपी की सदस्यता ली थी, लेकिन अब वो सपा के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं.
जानिए कौन हैं रुपाली दीक्षित?
रूपाली ने पुणे की सिम्बॉयसिस इंस्टिट्यूट से ग्रैजुएशन किया और उसके बाद साल 2009 में विदेश चली गईं. उन्होंने ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने दुबई की कंपनी में नौकरी की, परिवार के कहने के बाद वो नौकरी से इस्तीफा देकर घर लौट आईं.
यह भी पढ़ें: यूपी सरकार ने ख़त्म किया वर्क फ्रॉम होम, सिर्फ दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं को मिलेगी छूट
सपा ने पहले फतेहाबाद सीट से राजेश शर्मा को प्रत्याशी बनाया था लेकिन स्थानीय इकाई के द्वारा दिए गए फीडबैक के बाद पार्टी ने इसमें बदलाव किया और रूपाली को इस सीट पर उतार दिया.
उम्रकैद की सजा काट रहे बाहुबली पिता
रुपाली के पिता अशोक दीक्षित को इलाके के बाहुबली माना जाता है. उनके पिता समेत परिवार के 4 लोग हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. अशोक दीक्षित ने टीचर सुमन यादव की हत्या की थी. इसके अलावा उनके खिलाफ करीब 6 दर्जन केस दर्ज हैं, जिनमें 3 केस हत्या से जुड़े हुए हैं.
अशोक दीक्षित फिरोजाबाद के रहने वाले हैं लेकिन बाद में कारोबार के सिलसिले में उनका परिवार आगरा में बस गया. साल 2015 में सुमन यादव हत्याकांड में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
दिलचस्प हुई फतेहाबाद की लड़ाई
रुपाली कहा कहना है कि, पहले उन्हें इस घटना के बारे में किसी ने नहीं बताया था. काफी दिनों बाद उन्हें इसकी जानकारी लगी. परिवार में विपरीत परिस्थितियां होने पर वो अपनी नौकरी छोड़कर घर लौट आईं और इसके बाद उन्होंने 2017 बीजेपी को ज्वाइन कर लिया.
दो साल बाद रुपाली ने बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और अब वो फतेहाबाद से सपा की उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने इस सीट पर छोटेलाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया है जो उनके पिता पर विवादित बयान भी दे चुके हैं.
यह भी पढ़ें: Google के सीईओ सुंदर पिचाई के खिलाफ मुंबई पुलिस ने दर्ज किया केस, जानिए शिकायतकर्ता ने क्या कहा ?