द लीडर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल गौशाला की स्थिति उन्नाव जिले में दयनीय है। बता दें कि, योगी सरकार भले ही गौ सेवा के कितने भी दावे कर ले लेकिन उनके अधिकारी ही दावों की पोल खोलते नजर आ रहे है। यहां गौशाला में चारा पानी के अभाव में गोवंशी दम तोड़ रहे हैं। बता दें कि, यहां गौवंश को पानी तक नहीं नसीब होता है। ऐसे में कई बार लोगों ने गौवंश के बुरे हाल की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल की। जिसके बाद सीडीओ ने मियागंज ब्लॉक के मल्हीमऊ गौशाला का निरीक्षण किया। जहां गौवंश के अवशेष बाग में खुले में मिले। गौशाला का बुरा हाल देख सीडीओ ने जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
यह भी पढ़ें: मौलाना अरशद मदनी की बड़ी मांग, कहा- कृषि कानूनों की तरह CAA को भी वापस ले सरकार
गौशालाओं में अव्यवस्थाएं देख भड़के सीडीओ
उन्नाव सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने मल्हीमऊ, कनीगांव गौशाला का निरीक्षण किया। मल्हीमऊ गौशाला में निरीक्षण के दौरान सीडीओ को कई गौवंशीय बीमार मिले। इसके बाद सीडीओ सामने बाग में गए जहां खुले में पड़े हुए गौवंशियों के अवशेष मिले। यह देखकर सीडीओ का पारा हाई हो गया। उन्होने यहां के प्रधान, सचिव और डिप्टी सीबीओ पर कार्रवाई करने की बात कही। इसके साथ ही गौशाला में मौजूद कई गौवंशियों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय भिजवाया। यहां चारा पानी की भी व्यवस्था दुरस्त नहीं मिली। इसके बाद वह कनिगांव में बनी गौशाला का निरीक्षण करने गए। यहां गौशाला अधूरी मिली।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
वहीं सीडीओ ने मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने बताया कि, जिले की गौशालाओं को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती रहती हैं कहीं चारा नहीं तो कहीं जानवर को रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। मौसम में परिवर्तन हुआ है ऐसे में उनकी देखरेख भी जरूरी है। अब लगातार अन्य गौशाला में निरीक्षण किया जाएगा। और लापरवाही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: बरेली के बहेड़ी में वसीम रिजवी के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों मुसलमान, गिरफ्तारी की आवाज
जिम्मेदारों की लापरवाही बेजुबानों पर पड़ रही भारी
बता दें कि, उन्नाव जिले की अस्थायी गौशाला मल्हिमऊ में कुल 28 गोवंश हैं जिनको समय से चारा-पानी व सही इलाज न मिलना उनकी मौत का कारण बन रहा है। गौशाला में लगभग एक सप्ताह से गौवंश मरणासन की स्थिति में पड़े हैं और कई मर चुके हैं। लेकिन उस पर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि, पूर्व में कई गाय मर चुकी है जिनको जिम्मेदारों के द्वारा बगल में बनी खाई में फेंक दिया जाता है। सीडीओ ने कहा कि, इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है। रिपोर्ट का अध्ययन, और समीक्षा करके उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: Firozabad : वैक्सीनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा, जनसेवा केंद्र का संचालक बिना टीकाकरण के ही लोगों को दे रहा सर्टिफिकेट