विपक्ष पर बरसीं उमा भारती, कहा- प्रियंका और कांग्रेस नेताओं को लोकतंत्र और किसानों के बारे में बोलने का अधिकार नहीं

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द लीडर। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने है. लेकिन उससे पहले लखीमपुर खीरी की हिंसा ने सियासी रूप ले लिया है. वहीं विपक्ष सरकार पर हमलावर है तो सरकार के मंत्री विपक्ष को मुंह तोड़ जबाव दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हाल में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उनकी पार्टी के अन्य लोगों को किसानों और लोकतंत्र के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है.


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बता दें कि, लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद वहां जाने के दौरान रास्ते में वाड्रा को सोमवार को हिरासत में लिया गया था. मंगलवार को कांग्रेस महासचिव ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि, लखीमपुर खीरी में चार किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया.

कांग्रेस को इन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं… 

इसके बाद, सुबह उमा भारती ने ट्वीट किया कि, उत्तर प्रदेश की प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव वाड्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन पर ना बोलें. भाजपा नेता ने अगले ट्वीट में कहा, ‘आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधीजी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरु जी ने ध्वस्त कर दिया. फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए.

उमा भारती ने आगे कहा, ‘देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी, अपने मुंह से लोकतंत्र का उच्चारण करने का अधिकार खो चुकी है. 1984 के दंगों में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने ही दस हजार सिखों को जिंदा भूना था. कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता.’ भारती ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को उनका सुझाव है कि वे किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ सहयोगी एवं सकारात्मक रुख रखे.

 


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वहीं सुबह प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें किसानों के एक समूह को एक एसयूवी द्वारा कुचलते हुए दिखाया गया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी आर्डर और एफआईआर के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है. अन्नदाता को कुचल देने वाला यह व्यक्ति अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ. क्यों?’

बता दें कि, उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले की घटना के बाद आये सियासी भूचाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की निष्पक्ष जांच और अफवाह से बचाव के लिये सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रखने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि, सरकार घटना में मारे गये लोगों के परिजनों के साथ खड़ी है और उन्हे पूरा न्याय दिलाया जायेगा. योगी ने लखीमपुर खीरी जिले में हालात नहीं बिगड़ने देने के लिये सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश अधिकारियों को दिए है.


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लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की थी हिंसा

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई. आरोप है कि, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई. वहीं, इसके बाद भड़की हिंसा में 4 लोग और मारे गए. इस पूरे बवाल के बाद सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी नेता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का इस्तीफा मांग रहे हैं.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तय कार्यक्रम के तहत लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थीं. ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं. रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इससे झड़प हो गई. बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि, आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई. किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई. हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई. कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है.


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इस हिंसा में किस-किसकी मौत हुई?

1- रमन कश्यप ( स्थानीय पत्रकार)
2- दलजीत सिंह (32) पुत्र हरजीत सिंह- नापपारा, बहराइच (किसान)
3- गुरविंदर सिंह (20) पुत्र सत्यवीर सिंह- नानपारा, बहराइच (किसान)
4- लवप्रीत सिंह (20) पुत्र सतनाम सिंह- चौखडा फार्म मझगईं (किसान)
5- छत्र सिंह पुत्र अज्ञात (किसान)
6- शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र, (बीजेपी नेता)
7- हरिओम मिश्र पुत्र परसेहरा, फरधान (अजय मिश्रा का ड्राइवर)
8- श्यामसुंदर पुत्र बालक राम सिंघहा, कलां सिंगाही (बीजेपी कार्यकर्ता)

विवादों में फंसे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा क्या बोले

लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर विवादों में फंसे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने एक बार फिर कहा है कि, वो हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं. अजय मिश्रा ने कहा कि, जांच से दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. अजय मिश्रा ने किसानों को कुचलने में अपना या अपने बेटे का हाथ होने से इनकार किया. अजय मिश्रा ने कहा कि, हमारे देश में कानून का राज है. हम कार्यस्थल पर नहीं थे ना हमारा बेटा वहां था. फोन के सीडीआर से भी पता चल जाएगा. हम हर तरह की जांच में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि, हम लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. सभी लोगों के लिए मुआवजा दिया गया है.


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