नई दिल्ली: महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में यूनाइटेड किंगडम संकटमोचक साबित हुआ है. पुराने संबंधों को निभाते हुए यूके ने तीन ऑक्सीजन जनरेटर और 1,000 वेंटिलेटर भेजे हैं. यूके से पहुंची मदद के बाद विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” को आगे बढ़ाने के लिए आभार व्यक्त किया. यूके से मदद पहुंचने के बाद विदेश मंत्रालय ने आभार व्यक्त किया है और दोनों देशों के संबंध को आगे ले जाने की बात कही है.
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विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, “हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाते हुए यूके ने 3 ऑक्सीजन जनरेटर और 1,000 वेंटिलेटर की खेप भेजी है. प्रत्येक जनरेटर में 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट उत्पादन करने की क्षमता है, जो एक समय में 50 लोगों का इलाज करने के लिए पर्याप्त है. यूके की दोस्ती के लिए हम तहे दिल से आभारी हैं.”
इससे पहले, ब्रिटिश उच्चायोग (BHC) ने कहा था कि इंडियन रेड क्रॉस अस्पतालों को यूके सहायता हस्तांतरित करने में मदद करेगा. यह घोषणा, पहले घोषित 200 वेंटिलेटर और 495 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा है, जिसे ब्रिटेन ने अप्रैल के अंत में भारत भेजा था. उच्चायोग ने कहा कि नवीनतम सहायता पैकेज को स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग द्वारा दिया गया है और यह पूरी तरह से विदेशी, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा वित्त पोषित है.
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यूके के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने कहा था कि “यूके उत्तरी आयरलैंड से भारत में सरप्लस ऑक्सीजन जनरेटर भेज रहा है. यह जीवन रक्षक उपकरण कोविड के गंभीर मरीजों का उपचार कर रहे देश के अस्पतालों की मदद करेंगे.भारत वर्तमान में एक COVID-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. महामारी की दूसरी लहर ने देश के स्वास्थ्य तंत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है.
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