नई दिल्ली: “कांग्रेस टूलकिट” विवाद पर सरकार के साथ टकराव के बीच ट्विटर ने आज नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ी और “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे” और “पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के उपयोग” पर चिंता व्यक्त की है.
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने तीखे शब्दों में कहा कि वह “लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेगी.”, हालांकि, ट्विटर ने नए नियमों में उन तत्वों में बदलाव के लिए कहने की योजना बनाई जो ‘मुक्त, खुली बातचीत’ को रोकते हैं.
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यह पहली बार है जब माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने नए डिजिटल नियमों पर बात की है, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में एक अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने, शिकायत प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने और कानूनी आदेश के 36 घंटों के भीतर सामग्री को हटाने को कहा गया है.
इस नियम के खिलाफ व्हाटसएप ने दिल्ली हाकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. व्हाट्सएप ने सरकार पर यह कहते हुए मुकदमा दायर किया है कि नियम असंवैधानिक हैं और उपयोगकर्ता की गोपनीयता का उल्लंघन करते हैं.
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ट्विटर ने क्या कहा
ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, “ट्विटर भारत के लोगों के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध है. हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत और कोरोना महामारी के दौरान लोगों के समर्थन के स्रोत के तौर पर महत्वपूर्ण साबित हुई है.
अपनी सेवा उपलब्ध रखने के लिए, हम भारत में लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेंगे. लेकिन, जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं, हम पारदर्शिता के सिद्धांतों और सेवा पर हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और कानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए कड़ाई से निर्देशित होते रहेंगे.”
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ट्विटर प्रवक्ता ने कहा, “अभी, हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हाल की घटनाओं और उन लोगों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संभावित खतरे से चिंतित हैं जिनकी हम सेवा करते हैं.
हम, भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज में कई लोगों के साथ, हमारी वैश्विक सेवा की शर्तों को लागू करने के साथ-साथ नए आईटी नियमों के मूल तत्वों के जवाब में पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के उपयोग के संबंध में चिंतित हैं.
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हम इन विनियमों के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहे हैं जो मुक्त, खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं.”
प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे और मानते हैं कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है. जनता के हितों की रक्षा करना निर्वाचित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है.”
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