द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। नए आईटी रूल्स का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है. ट्विटर को भारत में मिलने वाली लीगल प्रोटेक्शन यानी कानून सुरक्षा खत्म हो गई है. इसके साथ ही गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ पहला केस दर्ज हो गया है.
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ट्विटर ने नए नियमों का पालन नहीं किया
बता दें कि, सरकार ने 25 मई को नए नियम लागू किए थे, लेकिन ट्विटर ने इन नियमों को अब तक लागू नहीं किया, जिसके बाद ये एक्शन लिया गया है. हालांकि, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान या आदेश जारी नहीं किया गया है. लेकिन क्योंकि ट्विटर ने अब तक नए आईटी नियमों को लागू नहीं किया, इसलिए उसका लीगल प्रोटेक्शन खुद-ब-खुद खत्म हो गया है.
पहला केस भी दर्ज हो गया?
गाजियाबाद के एक बुजुर्ग का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ लोग बुजुर्ग की पिटाई करते नजर आ रहे थे. इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ पहला केस भी दर्ज कर लिया गया है. एफआईआर में ट्विटर पर ‘भ्रामक कंटेंट’ नहीं हटाने का आरोप लगा है.
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ट्विटर को लेकर क्या बोले रविशंकर प्रसाद?
इस मामले पर आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर अब कानूनी सुरक्षा का हकदार है. हालांकि, इस मामले का फैक्ट ये है कि ट्विटर 26 मई से लागू नई गाइडलाइंस का पालन करने में नाकाम रहा है.”
There are numerous queries arising as to whether Twitter is entitled to safe harbour provision. However, the simple fact of the matter is that Twitter has failed to comply with the Intermediary Guidelines that came into effect from the 26th of May.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
उन्होंने लिखा कि, ट्विटर को कई मौके दिए गए, लेकिन उसने जानबूझकर कानून का पालन नहीं किया. उन्होंने लिखा कि, हैरानी की बात है कि, ट्विटर खुद को भारत में फ्री स्पीच का ध्वजवाहक बताता है, लेकिन जब कानून मानने की बात आती है, तो उसे मानने से जानबूझकर मना कर देता है.
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भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन कोई भी विदेशी संस्था भारत में फ्री स्पीच के नाम पर कानून को मानने से इनकार करती है तो ये गलत कोशिश है.
फेक न्यूज के खिलाफ लड़ना ट्विटर की मनमानी का उदाहरण
गाजियाबाद की घटना पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, यूपी में जो हुआ वो फेक न्यूज के खिलाफ लड़ने में ट्विटर की मनमानी का उदाहरण था. जबकि, ट्विटर अपने फैक्ट चेकिंग मैकेनिज्म को लेकर अति उत्साही रहा है, लेकिन वो यूपी जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में नाकाम रहा है.
What happened in UP was illustrative of Twitter’s arbitrariness in fighting fake news. While Twitter has been over enthusiastic about its fact checking mechanism, it’s failure to act in multiple cases like UP is perplexing & indicates its inconsistency in fighting misinformation.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
भारतीय कानूनों के दायरे में आया ट्विटर
ट्विटर का लीगल प्रोटेक्शन का हटना बहुत गंभीर मसला है. अब ट्विटर भारतीय कानूनों के दायरे में आ गया है और उसे किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
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साइबर लॉ एक्सपर्ट बताते हैं कि, आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लीगल प्रोटेक्शन मिलता है. इसमें किसी भी आपराधिक गतिविधियों के लिए कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होती, लेकिन अब अगर किसी कानून का उल्लंघन होता है तो उसके लिए ट्विटर के इंडिया हेड की जिम्मेदारी होगी.
ट्विटर के खिलाफ ऐसा एक्शन क्यों?
सरकार ने 25 फरवरी को नए आईटी नियमों की घोषणा की थी और इसे लागू करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था. इसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में एक नोडल अधिकारी, शिकायत अधिकारी और अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा गया था. नियमों में साफ था कि ये तीनों अधिकारी भारतीय और कंपनी के अधिकारी होने चाहिए. लेकिन ट्विटर ने अब तक इन नियमों को लागू नहीं किया.
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हालांकि, सरकार ने सख्ती दिखाने के बजाय ट्विटर को वक्त दिया. सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, 5 जून को केंद्र ने एक नोटिस जारी कर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियम लागू करने को कहा.
6 जून को ट्विटर ने सरकार को बताया कि, उसने भारत में नोडल और शिकायत अधिकारी के रूप में एक व्यक्ति की नियुक्ति की है. लेकिन सरकार ने कहा कि, वो कंपनी का कर्मचारी नहीं है और एक लॉ फर्म में काम करने वाला वकील है.
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बाद में जब ट्विटर की खींचाई हुई तो उसने कहा कि वो कर्मचारी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर है. सरकार ने इसे भी मान लिया. लेकिन उसके बावजूद ट्विटर की ओर से अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई. इस वजह से केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर को मिलने वाली कानूनी सुरक्षा अपने आप ही खत्म हो गई.
ट्विटर क्या कर रहा है अब?
सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, उन्हें कुछ मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि ट्विटर ने भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है, लेकिन उसके नाम की घोषणा बाद में की जाएगी. लेकिन तब तक ट्विटर को किसी तरह की कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी और हर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए उसकी ही जिम्मेदारी होगी.
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