बाजार में नहीं मिलेगी DRDO की एंटी-कोविड ड्रग, ये है वजह

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लखनऊ | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एंटी-कोविड ड्रग तो बना ली लेकिन यह दवा किसे मिल रही है इसकी जानकारी शायद ही किसी को मिल रही हो। दरसल इस दवा को लेकर पूरे देश में अचानक से डिमांड बढ़ने लगी और लोग इस दवा के लिए चक्कर काटने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस दवा को इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए अनुमति मिली है। इसलिए फिलहाल दवा को खुले बाजार में नहीं बेचा जा सकता।

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सोमवार को डीआरडीओ ने एंटी कोविड-19 ड्रग लांच की थी। डीआरडीओ और लॉन्च करने वाली कंपनी का दावा है कि इस दवा से मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर सुधरता है और मरीजों में रिकवरी भी जल्दी होती है। ऐसे वक्त में जब कोरोना पूरे देश में तबाही मचा रहा है तो इस तरह की दवा का उपलब्ध होना लोगों में एक नई उम्मीद की किरण जगाता है। यही वजह रही कि दवा की लॉन्चिंग के बाद से ही लोगों ने अस्पतालों से लेकर दवा की दुकानों तक पर इस ड्रग को खोजना शुरू कर दिया। लेकिन यह दवा फिलहाल अब तक उपलब्ध नहीं है।

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ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन से जुड़े विकास रस्तोगी कहते हैं कि इस दवा के लांच होने के बाद से उनके पास लगातार लोगों के फोन और उनके आउटलेट पर लोगों की भीड़ पहुंच रही है। विकास कहते हैं दरअसल इस दवा को इमरजेंसी में ही मंजूरी मिली है। वह बताते हैं जो दवा इमरजेंसी के तौर पर लांच की जाती है वह खुले बाजार में नहीं मिलती है। ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन ने लगातार बढ़ रही मांग को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी संपर्क किया है। एसोसिएशन के मुताबिक उनको मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल अगले एक से डेढ़ महीने तक यह दवा बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकेगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक डीआरडीओ द्वारा तैयार इस दवा को फिलहाल सेना के अस्पताल और एम्स में मरीजों को इमरजेंसी ड्रग के तौर पर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है क्योंकि इस दवा की पहली खेप महज 10 हजार डोज ही तैयार हुई हैं ऐसे में यह निश्चित है कि दवा आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेगी। ड्रग कंट्रोलर महानिदेशालय के मुताबिक अगले कुछ महीनों में इस दवा को बल्क में बनाया जाना शुरू किया जाएगा। हालांकि महानिदेशालय का कहना है कि यह काम कंपनी और रिसर्च करने वाली एजेंसी का ही होता है लेकिन अनुमति उनके निदेशालय से ही जारी होती है इसलिए अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ महीने के बाद में इस दवा को पब्लिक के लिए बाजार में लांच किया जाएगा।

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ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन ने मांग की है कि जब इस दवा को रामबाण के तौर पर माना जा रहा है तो पब्लिक के लिए दवा को खुले बाजार में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। एसोसिएशन के मुताबिक जितनी जल्दी यह दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी, लोगों को बीमारी से निजात पाने में मदद मिलेगी। एसोसिएशन को इस बात का हमेशा डर बना रहता है कि बहुत सी ऐसी दवा हैं, जिनकी डिमांड ज्यादा होती है बाद में या तो वह कालाबाजारी के माध्यम से बाजार में मिलना शुरू हो जाती हैं या फिर उनका नकली प्रोडक्ट बाजार में आ जाता है। इसलिए एसोसिएशन ने मांग की है कि बेहतर है जल्द से जल्द इस दवा को बाजार में आम मरीजों के लिए उतार दिया जाए।

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