The Leader. क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान एवं दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद रज़ा ख़ान क़ादरी ने दरगाह आला हज़रत पर सबसे पावरफुल समझे जाने वाले दामाद सलमान हसन को जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के ओहदे से बेदखल कर दिया है. उन पर यह कार्रवाई अजमेर में ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ के ख़ादिमों में से एक सय्यद सरवर चिश्ती मुलाक़ात करने के लिए की गई है. तब जबकि वो इसके लिए तौबा भी मांग चुके थे. इस कार्रवाई के लिए आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा ख़ान क़ादरी अहसन मियां की तरफ से ऑडियो संदेश जारी करके दबाव भी बनाया गया था.
अजमेर में ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह पर आला हज़रत का सलाम पढ़ने पर रज़वियों से मारपीट
दरअसल, सलमान हसन को लेकर दरगाह आला हज़रत पर एक के बाद एक विवाद खड़ा हो रहा था. पिछले दिनों ही जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के मीडिया प्रभारी समरान ख़ान पर कार्रवाई हुई थी. उन्हें भी संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. वो इसिलए कि उन्होंने अपनी शादी में डांस किया था और ऐसा करते हुए उनके वीडियो वायरल हो गए थे. तब सलमान हसन को भी निशाने पर लिया गया कि उपने ख़ास की ऐसी शादी में शामिल हुए, जिसमें शरीयत के ख़िलाफ़ काम हुए हुए. यही वजह थी कि तब उनके ख़िलाफ़ भी कारर्वाई के लिए आवाज़ उठी थी. अब ये आवाज़े ज़्यादा तेज़ हो गईं. जब सलमान अजमेर में रज़वियों से आा हज़रत का सलाम पढ़ने के दौरान दरगाह ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की शाहजहानी मस्जिद में मारपीट की गई. इसके बाद ही सलमान हसन की सरवर चिश्ती के साथ मुलाक़ात के वीडियो और फोटो वायरल हो गए.
कार्रवाई होगी या बच जाएंगे क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान असजद मियां के दामाद सलमान हसन
ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. सलमान हसन पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने सरवर चिश्ती पर सहाबी-ए-रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम और इमाम अहमद रज़ा ख़ान आला हज़रत को लेकर भी गुस्ताख़ी कर चुका है. लिहाज़ा ऐसे शख़्स से मुलाक़ात नाजायज़ हराम है. ऐसा करने पर सलमान हसन को जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के ओहदे से सुकबदोश यानी हटाया जाता है. उनका तौबानामा भी मिला है. अल्लाह उनकी तौबा को क़ुबूल फ़रमाए.
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