द लीडर। जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों को एक बार फिल्म कश्मीर फाइल्स से जोड़कर देखा जा रहा है. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों को फिल्म कश्मीर फाइल्स से जोड़ा है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, अगर कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों को रोकना है तो सरकार को कश्मीर फाइल्स फिल्म पर बैन लगाना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, देश में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का माहौल है, यही कश्मीर में मुस्लिम युवाओं में जो गुस्सा है उसके पीछे की वजह है.
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कश्मीर फाइल्स फिल्म का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, मैंने सरकार से कहा कि क्या कश्मीर फाइल्स फिल्म सच है? क्या एक मुसलमान पहले एक हिंदू को मारेगा फिर उसका खून चावल में डालकर उसकी पत्नी से कहेगा कि तुम ये खाओ. क्या ऐसा हो सकता है? क्या हम इतने गिरे हुए हैं?
‘द कश्मीर फाइल्स’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग
फारूक अब्दुल्ला ने विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए दावा किया कि, इसने ‘देश में नफरत पैदा की है.’ उन्होंने फिल्म को ‘आधारहीन’ करार देते हुए दावा किया कि इसमें दर्शाई गई सभी घटनाएं पूरी तरह से बनी हुई हैं.
अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन के नेताओं ने एलजी मनोज सिन्हा के साथ घाटी में हाल की हिंसक घटनाओं पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी.
उन्होंने कहा कि, एलजी मनोज सिन्हा को हमसे मिलवाया गया. मुद्दा यह था कि, इस शहर में कानून और व्यवस्था की स्थिति भयानक है. लोगों को दैनिक आधार पर मार दिया जाता है, जबकि आगंतुक घाटी का दौरा कर रहे हैं.
हमें करीब आना है तो दुश्मनी खत्म करनी होगी
उन्होंने कहा कि, अगर हमें करीब आना है तो हमें दुश्मनी खत्म करनी होगी. ‘द कश्मीर फाइल्स’ में एक मुसलमान एक हिंदू को मारता है, फिर अपने खून में चावल को कुल्ला करता है और अपनी पत्नी को खाने के लिए कहता है? यह एक झूठी फिल्म है जिसने न केवल देश में बल्कि घाटी के युवाओं के बीच भी शत्रुता पैदा की है.
लश्कर-ए-इस्लाम ने दी धमकी
हमलों के बीच रविवार को लश्कर-ए-इस्लाम ने धमकी भी दी थी. कहा गया था कि, कश्मीरी पंडित या तो घाटी छोड़ दें या फिर मरने को तैयार रहें. पोस्टर में लिखा गया है, सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो. ऐसे कश्मीर पंडित जो कश्मीर एक और इजरायल चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है.
अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो. तुम मरोगे’. यह धमकी पुलवामा के हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडितों को दी गई है. इस ट्रांजिट आवास में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी पंडित सरकारी नौकरी करते हैं. यह पोस्टर हवाल ट्रांजिट आवास के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा गया है.
निशाने पर कश्मीरी पंडित
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से ही कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पिछले तीन सालों की हकीकत यह है कि जो कश्मीरी पंडित पहले से वहां रह रहे थे, उनको भी रहने नहीं दिया जा रहा है. उनकी हत्या हो रही है. बीते हफ्ते हुई राहुल भट्ट की टारगेट किलिंग इसका सबूत है.
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