फरियादी काटता रहा थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर, परेशान होकर खुद को लगाई आग, “पापा पापा” पुकारते रहे बच्चे

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द लीडर हिंदी : यूपी के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. एसपी ऑफिस में एक फरियादी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया.फरियादी के आत्मदाह करते ही एसपी ऑफिस में मौजूद पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. बता दें फरियादी सुनवाई ना होने पर थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रहा था.जिससे परेशान होकर उसने कार्यालय परिसर में पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली. घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया.आनन-फानन में सिपाहियों ने फरियादी पर कंबल डालकर आग पर काबू पाया और उपचार के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है. जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है

बता दें सुनवाई ना होने से नाराज पीड़ित ने एसपी ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली. आग लगने के बाद पीड़ित काफी देर तक एसपी के दफ्तर में ही आग की लपटों में घिरा रहा।. हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह घटना जिस समय हुई, उस वक्त पुलिस अधीक्षक अपने ऑफिस में ही मौजूद थे. फिलहाल, घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी हालत अभी काफी गंभीर है.

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित युवक ताहिर काँट थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उसकी पिकअप गाड़ी को एक दबंग ने छीन लिया था. जिसके बाद वह थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक न्याय की गुहार लगा चुका था. लेकिन, उसके मामले की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी. वह अपने परिवार के साथ लगातार एसपी ऑफिस के चक्कर लगा रहा था. आज भी वो पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा, मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई. जिससे नाराज होकर उसने खुद को आग के हवाले कर लिया. इसके बाद आग की लपटों में घिरा युवक ऑफिस के अंदर भागता रहा.

पीडि़त के बच्चे पापा-पापा चिल्लाते रहे
बता दें घटना के समय युवक को आग में घिरा देखकर पीड़ित के परिवार वाले भी चिल्लाते रहे. उसके बच्चे पापा-पापा चिल्ला रहे थे. तभी वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है. फिलहाल, युवक की हालत काफी गंभीर है.वही एसपी ऑफिस में हुई इस घटना के बाद जनसुनवाई पर भी कई सवाल खड़े हो गए है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कार्रवाई की मांग की
आग की घटना पूरे जिले में आग की तरह फैल गई है. इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ”शाहजहांपुर में पिकअप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत जिस युवक ने SP ऑफिस के सामने पहुंच कर आग लगाई है, उसको तत्काल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए. जब FIR इतनी कम होती हैं तब तो NCRB की रिपोर्ट में उप्र की कानून-व्यवस्था की इतनी दुर्गत दिखाई देती है. अगर सच में हर अपराध की रिपोर्ट लिखाई जाए तो पता नहीं उप्र में तथाकथित अमृतकाल ही शर्म से आत्मदाह न कर ले.

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