कोरोना के साथ प्रदूषण की मार : राजधानी दिल्ली में 6 सालों में सबसे खराब रहा नवंबर महीने का औसत AQI

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द लीडर। एक तरफ जहां कोरोना फिर से लोगों को डरा रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश की जनता प्रदूषण की मार झेल रही है। बता दें कि, दिल्ली की आबोहवा में कोई सुधार नहीं हुआ है, आज भी यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी खराब है। आज सुबह दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता काफी खराब रही है। हालांकि वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली ने कहा है कि, आने वाले दो दिनों में स्थिति पहले से सुधर सकती है। लेकिन अभी स्थिति विकट है। आज दिल्ली की सुबह हल्के-हल्के कोहरे के साथ हुई है और तापमान में कमी देखी गई है इसी कारण सबको अभी स्वास्थ्य के प्रति काफी सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि गिरता तापमान और बढ़ता प्रदूषण कोरोना वायरस के मरीजों का इजाफा कर सकता है।


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6 सालों में सबसे खराब रहा नवंबर महीने का औसत AQI

दिवाली के बाद से ही दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई थी, जिसमें फिलहाल कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। बुधवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में वायु की गुणवत्ता को लेकर परेशान कर देने वाली एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में इस साल नवंबर महीने का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बीते 6 सालों में सबसे खराब रहा है।

दिल्ली में पिछले 6 साल के हवा के आंकड़े

बता दें कि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में इस साल नवंबर महीने का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 377 रिकॉर्ड किया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि, इस साल नवंबर के महीने में 11 दिन दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ कैटेगरी में भी रिकॉर्ड की गई। इससे पहले नवंबर 2020 में दिल्ली के अंदर यही आंकड़ा 9 दिन, नवंबर 2019 में 7 दिन और 2018 में पांच दिन था।


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  • नवंबर 2021 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 रिकॉर्ड किया गया।
  • नवंबर 2020 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 रहा।
  • नवंबर 2019 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 रहा।
  • नवंबर 2018 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 रहा।
  • नवंबर 2017 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 रहा।
  • नवंबर 2016 में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 रहा।

हालांकि, इस रिपोर्ट में एक राहत भरी खबर भी है। दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि, 2018 के बाद इस साल अक्टूबर के महीने में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा साफ दर्ज की गई है। अक्टूबर के महीने में इस साल एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ कैटेगरी में रही हो। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून की वापसी में देरी और पश्चिमी विक्षोभ के चलते दिल्ली में हुई अच्छी बारिश की वजह से हवा की गुणवत्ता में यह सुधार आया।

प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सभी निर्माण कार्यों पर रोक

बता दें कि, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को केजरीवाल सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि, दिल्ली में सभी निर्माण गतिविधियां अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी। इसके साथ ही मजदूरों के खाते में पांच-पांच हजार रुपये जमा किए जाएंगे। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सात दिसंबर तक दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। गोपाल राय ने आगे कहा कि, दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों को ही अनुमति दी जाएगी। रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ अभियान 18 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जल छिड़काव व पीयूसीसी चेकिंग जारी रहेगी। आप नेता ने आगे कहा कि, विशेषज्ञों के अनुसार, कम तापमान और कम हवा की गति के कारण प्रदूषण की स्थिति स्थिर हो गई है। लेकिन आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका है। मंत्री ने कहा कि, अगर बारिश होती है, जैसा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान लगाया है, तो स्थिति में सुधार होगा।


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