मुस्लिम औरतों को निशाना बनाना, अल्पसंख्यकों के खिलाफ उन्माद की सबसे खतरनाक साजिश, दिल्ली पुलिस को महिला आयोग का नोटिस

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प्रोटेस्ट करती महिलाएं : फाइल फोटो-साभार इंटरनेट.

अतीक खान 


 

-मुस्लिम औरतों की खरीद-फरोख्त का सुल्ली डील्स पर बाजार सजता है. लड़कियों के नंबर वायरल करके, उन्हें फंसाने-इस्तेमाल करने और बलात्कार की धमकियां दी रही हैं. मेरठ में बरेली की एक मुस्लिम लड़की का कथित बलात्कार होता है. शिकायत पर उन्हें सौ गायों के दान की तसल्ली दी जाती. सिलसिलेवार तरीके से सामने आई इन घटनाओं से, अल्पसंख्यक महिलाओं को निशाना बनाए जाने की, एक खतरनाक साजिश की गंध आती है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)

हैरत इस बात की है कि एक तरफ केंद्र सरकार मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मना रही होती है. दूसरी ओर कुनाल शर्मा और उसके साथ दर्जनों मुस्लिम लड़कियों के मोबाइल नंबर की सूची, सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं.

बाकायदा अभियान की शक्तल में है-जिसे, मुस्लिम महिला पटाओ नाम दिया गया. न्यूजलांड्री ने सूची में शामिल मुस्लिम औरतों-लड़कियों से बात की है. जिसमें उन्होंने अपना नंबर सोशल मीडिया पर वायरल होने पर हैरत जताई है.


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अल्पसंख्यकों के साथ उन्माद के तमाम पैंतरों के बाद, अब जो घिनौनी करतूत चल रही है. वो खतरनाक है. उस पर सरकार, संवैधानिक संस्थाओं और पुलिस की अनदेखी सवाल उठाती है.

4 जुलाई को सुल्ली डील्स एप पर मुस्लिम औरतों की सादैबाजी-नालीमी का भद्​दी हरकत सामने आई थी. औरतों ने ही इसके खिलाफ आवाज उठाई. और सुल्ली डील्स एप पर कार्रवाई मुहिम चली. देश-दुनिया की लाखों औरतों इसका हिस्सा बनीं.

बीती 27 जुलाई को बिहार के किशनगंज से सांसद डॉ. मुहम्मद जावेद ने इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. और उन्हें 56 सांसदों का हस्ताक्षर पत्र दिया. जिसमें सुल्ली डील्स एप पर महिलाओं की खरीद-फरोख्त का दुस्साहस करने पर कार्रवाई की मांग शमािल है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)

सुल्ली डील्स मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर गृहमंत्री से मुलाकात करते सांसद डॉ. मुहम्मद जावेद. फोटो साभार ट्वीटर

सुल्ली डील्स मामले में एफआइआर भी दर्ज हो चुकी है. लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिस पर एमपी जावेद के अलावा अन्य सांसदों ने भी हैरत जताई है.

चूंकि सुल्ली डील्स के विवाद पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. और इसी बीच मुस्लिम लड़कियों के मोबाइल नंबर वायरल करके, उन्हें फंसाए जाने के दूसरी घिनौनी घटना सामने आ गई है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)


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इसको लेकर एक्टिविस्ट, मुस्लिम महिलाएं सरकार और पुलिस से फौरन कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा-ये आपराधिक और बेहद घटिया हरकत है. जिसके लिए कुणाल शर्मा नाक के व्यक्ति को सलाखों के पीछे होना जरूरी है. बताया जा रहा है कि ये गाजियाबाद में रहता है.

स्वाती ने ट्वीटर पर एक शिकायती पत्र के साथ यूपी पुलिस को टैग किया है. ये कहते हुए कि तुरंत एफआइआर दर्ज करके इसे गिरफ्तार करें. महिलाओं के साथ इस तरह की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.

स्वाति मालीवाल के जवाब में गाजियाबाद पुलिस ने कहा-इस मामले की जांच की गई है. और ये व्यक्ति दिल्ली का है. और आवश्यक कार्रवाई के संबंध में दिल्ली पुलिस को सूचना दे दी गई है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)

गाजियाबाद पुलिस के जवाब के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जिसमें लड़कियों के नंबर वायरल करके बलात्कार की मुहिम छेड़ने वाले कुनाल शर्मा, श्रृंगी यादव, सुखदेव सहदेव, रामभक्त गोपाल और विकास सेहरावत की गिरफ्तारी करने को कहा है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जारी नोटिस में स्वाती ने कहा है कि कुनाल ने इंस्टाग्राम पर मुस्लिम औरतों के मोबाइल नंबर के साथ एक संदेश जारी किया है. जिसमें उनसे शादी करने और इस्तेमाल की बात कही है. ये गंभीर मसला है. और अतिशीघ्र कार्रवाई की जरूरत है.

मालीवाल ने नोटिस में यूपी पुलिस के संज्ञान में मामले लाए जाने का भी जिक्र किया है. जिसमें यूपी पुलिस ने आरोपी के दिल्ली से जुड़े होने की बात कही है.

मुस्लिम महिलाओं को चाहिए सुरक्षा का अधिकार

मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम-2019 (ट्रिपल) तलाक कानून 1 अगस्त 2019 को लागू हुआ था. यानी तब से भारत में एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी हो चुका है. इस कानून के बनने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने 1 अगस्त को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस घोषित किया है. जिसे रविवार को धूमधाम के साथ मनाया गया है.

केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक को मुस्लिम समाज की औरतों के हक में क्रांतिकारी फैसला मानती है. हालांकि ये कानून सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज किया जा चुका है. मुस्लिम बुद्धिजीवियों, कानूनविदों के मुताबिक इसमें तमाम विसंगतियां हैं. जिन्हें दुरुस्त किए बिना, औरतों को सशक्त नहीं किया जा सकता है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)

अब चूंकि सरकार ने मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मना रही है. तो उसमें मुस्लिम औरतों की सुरक्षा का मुद्​दा सबसे प्रमुख हो जाता है. तब और, जब उनके खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र जो सार्वजनिक तौर पर चल रहा है. उसमें उन्हें सुरक्षा का अधिकार कौन देगा?

हिजाब से सड़क पर आंदोलन तक

हाल के वर्षों में मुस्लिम महिलाएं काफी मुखर होकर सामने आई हैं. सीएए आंदोलन में उनकी भागीदारी इस बात का सबूत है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी हो या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और शाहीन बाग. मुस्लिम लड़कियों, महिलाओं ने सड़क पर उतरकर प्रोटेस्ट में सक्रिय भूमिका निभाई है. उन्हें निशाना बनाए जाने की एक ये भी वजह हो सकती है. (Targeting Muslim Women Conspiracy)

कहां से आता है ये दुस्साहस

सांसद डॉ. जावेद ने गृहमंत्री को सौंपे सुल्ली डील्स के खिलाफ शिकायती पत्र में स्पष्ट कहा है कि, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई न होने से ही इन्हें हौसला मिलता है. यानी महिलाओं की सुरक्षा-सम्मान जैसे संवेदनशील मामलों में पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा करती है.

केंद्र सरकार, जोकि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसा शानदार अभियान चलाए हुए है. लेकिन उसके एवज में जब समाज का एक बीमार हिस्सा, खुलेआम महिलाओं के साथ हिंसा, उनकी आबरू आत्मसम्मान को चुनौती देने का दुस्साहस करता है. तब फौरी एक्शन न होना, चिंता पैदा करता है.

 

(लेखक पत्रकार हैं. और यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)

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