तालिबान का फरमान: महिलाएं नहीं खेलेंगी कोई खेल

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तालिबान ने बुधवार को कहा कि देश की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम सहित अफगान महिलाओं को नए तालिबान शासन के तहत खेलों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। तालिबान संस्कृति आयोग के उपाध्यक्ष अहमदुल्ला वासीक ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि महिलाओं का खेल न तो उचित था और न ही आवश्यक।

वसीक ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि महिलाओं को क्रिकेट खेलने की इजाजत होगी, क्योंकि महिलाओं के लिए क्रिकेट खेलना जरूरी नहीं है।”

“क्रिकेट में चेहरा और शरीर उजागर होता है, जबकि इस्लाम में महिलाओं को इस तरह से देखने की अनुमति नहीं है। यह मीडिया का युग है, इसलिए तस्वीरें आैर वीडियो बनेंगी। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात ने महिलाओं को क्रिकेट या अन्य खेल खेलने से मना किया है, जिससे वे बेपर्दा न हों।”

Afghan female football players from Isteghlal (in purple) and Afghan (red) compete during the women’s football tournament final match in Kabul on December 6, 2013. Afghan defeated Isteghlal to win the tournament. The month-long women’s football tournament, which saw some 16 teams participate, was held to select top players for the Afghan national women’s football team. AFP PHOTO/Aref KARIMI (Photo credit should read Aref Karimi/AFP/Getty Images)

तालिबान ने इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि केवल महिला शिक्षक को ही महिला छात्रों को पढ़ाने की अनुमति दी जाएगी, ऐसा मुमकिन नहीं हुआ तो उत्कृष्ट चरित्र के “बुजुर्ग पुरुष” से ऐसी सेवा ली जाएगी।

तालिबान के अनुसार, निजी अफगान संस्थानों में भाग लेने वाली महिलाओं को अबाया वस्त्र (पूरी लंबाई की पोशाक) और नकाब (चेहरे को ढंकने वाला कपड़ा) पहनना चाहिए।

उन्होंने कक्षाओं को सहशिक्षा से अलग करने को कम से कम एक पर्दे से अलहदा रखने की जरूरत पर जोर दिया है।


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