द लीडर : चार मर्तबा जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष रहे और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का 87 साल की उम्र में इंतकाल हो गया है. पिछले कुछ दिनों से मौलाना की सेहत ठीक नहीं चल रही थी. उन्हें दिल्ली के अलशिफ़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वो ठीक नहीं हो सके. उन्हें दिल्ली के ओखला स्थित जमात की मरकज मस्जिद के पास सुपुर्द-ए-खाक किया गया है. (Syed Jalaluddin Umri Passed Away)
मौलाना जलादुद्दीन उमरी देश के मशहूर मुस्लिम स्कॉलर्स में शुमार थे. और पढ़ाई के दरम्यान ही जमात-ए-इस्लामी से जुड़कर शैक्षिक कार्य में जुट गए थे. तमिलनाडु के उत्तरी अर्कोट ज़िले में 1935 को पैदा हुए मौलाना उमरी के दो बेटे और दो बेटियां हैं.
उन्होंने जामिया दारुस्सलाम से इस्लामिक स्टडीज़ की पढ़ाई की और मद्रास यूनिवर्सिटी से फारसी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातक किया. कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया. जिसमें उर्दू की मासिक मैग्ज़ीन अंग ज़िंदग़ी-ए-नौ और रिसर्च पेपर तहक़ीक-ए-इस्लामी के संपादक रहे.
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साल 2007 से 2019 तक लगातार तीन बार जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष के रूप में काम किया है. और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी निभाई है. मौलाना उमरी साल 2019 से जमात-ए-इस्लामी के शरिया परिषद के अध्यक्ष के रूप में खिदमत अंजाम दे रहे थे. (Syed Jalaluddin Umri Passed Away)
मुस्लिम स्कॉलर होने के नाते उन्होंने कई ज्वलंत विषयों पर लेख भी लिखे हैं. इस्लामि सिद्धांत, इस्लामिक न्याय शास्त्र, दावा समेत ऐसे कई मुद्दों पर आर्टिकल्स लिखे हैं. इतना ही नहीं सामाजिक व्यवस्था, मानवाधिकार, समकालीन चैलेंजेज और राजनीतिक विषयों पर भी उनकी कलम चलती रही. कई किताबों का अनुवाद किया है. उनकी प्रमुख किताबों में मानवीय मुद्दों पर इस्लामिक समाधान, औरत और इस्लाम, मुस्लिम महिलाएं, उनकी भूमिका और ज़िम्मेदारियां, इस्लाम एंड यूनिटी ऑफ मैनकाइंड जैसी कई पुस्तकों के लेखक हैं.
उनके इंतकाल पर जमात-ए-इस्लामी के अलावा तमाम सामाजिक और धार्मिक संगठनों, आम लोगों ने रंज़ो-ग़म का इज़हार करते हुए मग़फिरत की दुआ की है. (Syed Jalaluddin Umri Passed Away)