द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। दक्षिण राज्य केरल में बकरीद के लिए दी गई बाजार और दुकानें खोलने की छूट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि, यह अफसोस की बात है कि, राज्य सरकार व्यापारी संगठनों के दबाव में आ गई.
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उन इलाकों में भी दुकान खोलने की अनुमति दी, जहां कोरोना दर 15% से अधिक है. सरकार कांवड़ यात्रा में दिए हमारे निर्देश का पालन करे. हम अपनी तरफ से छूट की अधिसूचना रद्द नहीं कर रहे.
इससे पहले केरल सरकार के वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि, 15 जून से ही दफ्तर और दुकानें खुलने लगी थीं. यह कोई आज नहीं हो रहा है. परिस्थितियों के आकलन के आधार पर धीरे-धीरे छूट बढ़ाई जा रही है.
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वहीं याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि, 10% से अधिक पॉजिटिविटी रेट के साथ इस तरह का जवाब दिया जा रहा है. यह भी कह रहे हैं कि व्यापारियों ने कहा दिया था कि वह हर हाल में दुकान खोलेंगे. यानी दबाव था. ऐसे तो फिर आप शासन चलाने योग्य ही नहीं हैं.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से क्या मांग की है?
केरल में 3 दिन के लिए दी गई छूट का आज आखिरी दिन है. कोर्ट ने केरल सरकार को मामले पर आज जवाब दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के चलते इससे पहले यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को दी गई अनुमति रद्द कर दी थी.
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याचिकाकर्ता ने इसे आधार बनाते हुए कोर्ट से मांग की थी कि वह केरल सरकार से भी कहे कि बाजार खोलने का आदेश रद्द करे, ताकि भीड़ के चलते कोरोना फैलने का खतरा न हो.