एक रात में सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया पूरा गेम, अब चंडीगढ़ में AAP के प्रत्याशी कुलदीप कुमार होंगे मेयर

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द लीडर हिंदी : चंडीगढ़ में ‘आप’ की सरकार बनेगी. मेयर चुनाव में सु्प्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट के फैसले से चंडीगढ़ में ‘आप’ का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया. बता दें सर्वोच्च अदालत ने पिछले चुनाव में वोटों की गिनती दोबारा करने का आदेश दिया है. साथ ही, वोटिंग के बाद क्रॉस मार्क किए गए बैलेट पेपर को गिनती में शामिल करने का आदेश दिया है.

बता दें कि सोमवार रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अदालत में कबूल किया था कि उन्होंने बैलेट पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया था.इसके साथ ही उन्होंने सफाई दी थी कि आम आदमी के मेयर प्रत्याशी बैलेट पेपर फाड़ना की कोशिश की, इस कारण उन्होंने पेपर पर निशान लगा दिया. वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी के मेयर बनने का रास्ता अब बिल्कुल साफ हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने अनिल महीने द्वारा अवैध किए आठ मतों को वैध मानने का फैसला किया है.बता दें रविवार रात तक सियासी गलियारों में चर्चा थी कि भाजपा एक बार फिर मेयर बनाने में कामयाब हो जाएगी. मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि दोबारा चुनाव हो सके.

वही चुनाव में बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी ने आप के तीन पार्षद तोड़ लिए और रविवार देर रात उन्हें पार्टी में शामिल करा लिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पूरा गेम पलट दिया. जिसके बाद आप मेयर में खुशी की लहर देखने को मिल रही है.वही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को मिली थी जीत
बीते महीने 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी. मनोज सोनकर को बीजेपी के 14 पार्षद, सांसद किरण खेर और शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का वोट मिला था. वही सदन में 13 सीटों वाली आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बनी. पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भी वोट दिया था.

मगर रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने बैलेट पर क्रॉस मार्क लगे होने के कारण 8 वोटों को निरस्त कर दिया था. वही इस बीजेपी कैंडिडेट मनोज सोनकर ने चार वोटों से जीत हासिल कर ली थी.कुलदीप टोटा को 12 वैध मत मिले थे. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रॉस किए गए 8 बैलेट को भी काउंटिंग में शामिल किया गया है. इससे आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 20 वोट मिले हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था.क्योकि आप ने कोर्ट का दरवाजा खटकटाया था.

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आप और कांग्रेस के पास था बहुमत- बतादें दो दिन पहले तक चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास था. चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के पास 14 पार्षद थे. आप के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावट, गुरचरण काला बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी के पास 17 पार्षद हैं.

उसे शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का समर्थन भी हासिल है. इसके अलावा बीजेपी के पास सांसद किरण खेर का वोट भी है. इस तरह 35 सदस्यों वाले सदन में बीजेपी को 19 सदस्यों का वोट मिल सकता है.वही चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत का आंकड़ा 19 है. 2016 से चंडीगढ़ में बीजेपी का मेयर पद पर कब्जा रहा है.