सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के दोषियों को नहीं दी राहत, 22 को करना होगा सरेंडर

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द लीडर हिंदी : सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को राहत नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज हो गई है. 22 जनवरी तक उन्हे सरेंडर करना होगा. शीर्ष कोर्ट ने गुनहगारों को आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने से इनकार कर दिया.

दरअसल शुक्रवार को अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दोषियों ने आत्मसमर्पण करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी. बता दें कि दोषियों द्वारा आत्मसमर्पण करने का समय 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है. बता दें कि दोषियों के सरेंडर करने से पहले और वक्त दिए जाने को लेकर याचिका दायर की थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

अब सभी दोषियों को 22 जनवरी तक जेल जाना ही होगा. वही न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों ने जो कारण बताए हैं, उनमें कोई दम नहीं है. पीठ ने आगे कहा, ‘हमने सभी के तर्कों को सुना. आवेदकों द्वारा आत्मसमर्पण को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए दिए गए कारणों में कोई दम नहीं है.

इसलिए अर्जियां खारिज की जाती हैं.बिलकिस बानो मामले के पांच दोषियों ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था. सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में गुजरात सरकार द्वारा सजा में दी गई छूट को रद्द कर दिया था. गौरतलब है कि साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.

सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, गुजरात सरकार ने सजा माफ कर दी थी
आपको बता दें कि सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. बता दें कि बीते साल अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने उनकी सजा माफ कर दी थी. 11 दोषियों में  बिपिन चंद्र जोशी, बकाभाई वोहानिया, केसरभाई वोहानिया, गोविंद जसवन्त नाई, राधेश्याम शाह, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राजूभाई सोनी, शैलेश भट्ट और रमेश चांदना शामिल है.