Rampur सांसद आजम खान 64 दिन बाद सीतापुर जेल शिफ्ट, तजीन फातिमा ने उठाए सवाल

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद और समाजवादी पार्ट के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को 64 दिनों के बाद दोबारा सीतापुर जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. बीती 9 मई से दोनों लोग, लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. जहां इनका उपचार चल रहा था. आजम खान सही जरूर हो गए हैं. लेकिन सेहत बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही है.

 

मंगलवार को सीतापुर के प्रशासनिक अधिकारी मेदांता पहुंचे. इसमें एसडीएम भी थे. भारी पुलिस की मौजूदगी में उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर जेल ले जाया गया है. इस बीच आजम खान की बीवी और रामपुर शहर से विधायक डॉ. तजीन फातिमा ने प्रशासन के उन्हें जेल में शिफ्ट करने के फैसले पर अफसोस जताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. तजीन फातिमा ने कहा कि एक बीमार आदमी को जेल भेजा जा रहा है. उनकी तबीयत अभी ठीक नहीं है. उन्हें किन कारणों से शिफ्ट किया गया. मैं नहीं जानती.

दरअसल, आजम खान जब से अस्वथ हुए हैं, तब से उनकी रिहाई की मांग लगातार जोर पकड़ी जा रही है. इसको लेकर शासन प्रशासन और राष्ट्रपति को मांग पत्र भी भेजे जा रहे हैं. उनके प्रशंसक रिहाई को लेकर खून से भी पत्र लिख चुके हैं.

एक मई को बीमार हुए थे आजम खान

यूपी में जब महामारी से हाहाकार मचा था. इस बीच एक मई को आजम खान और अब्दुल्ला आजम भी संक्रमित पाए गए थे. यहां आजम खान की तबीयत जब ज्यादा बिगड़ गई तो 9 मई को उन्हें लखनऊ ले जाया गया.

मेदांता में कई बार बिगड़ी हालत

मेदांता में इलाज के दौरान आजम खान की कई बार हालत ज्यादा खराब हो गई. तो उन्हें इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा. डॉक्टरों ने उनके ऑपरेशन की भी सलाह दी थी. आजम खान की बीवी डॉ. तजीन फातिमा उनकी सेहत को लेकर चिंता जाहिर कर चुकी हैं. एक बयान में उन्होंने कहा था कि आजम खान के मुंह में अल्सर हो गया. जिस कारण वे खाना नहीं खा पा रहे हैं. और लगातार कमजोर होते जा रहे हैं.


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देश भर से चला दुआओं का सिलसिला

आजम खान इस स्थिति को लेकर देश भर से उनके लिए दुआओं का सिलसिला चला. रामपुर के नवाब घराने, जिसके राजनीतिक तौर पर आजम खान से मतभेद हैं. वहां से उनके हक में दुआएं की गईं.


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मेदांता अस्पताल के निर्देशक डॉ. राकेश कपूर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सांसद आजम खां की सभी रिपोर्ट सामान्य आई है इसलिए उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, कुछ दिनों बाद उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक बार फिर मेदांता लाया जाएगा. 1 या 3 महीने के बाद उन्हें हेल्थ फॉलोअप के लिए लाया जा सकता है.

आजम खान, रामपुर की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में घिरे हैं. उन पर गलत तरीके से भूमि लेने का आरोप है. इसको लेकर उनके खिलाफ करीब 80 से अधिक मामले दर्ज हैं.

आजम खान समाजवादी पार्टी के कद्​दावर नेता हैं. और सपा की हर सरकार में वह सबसे हनक वाले मंत्रियों में शुमार रहे हैं. लेकिन पिछले एक साल से वह जेल में बंद हैं.

अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव हैं. जिस तरह हाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर ब्लॉक प्रमुखी के चुनाव में सपा को शिकस्त मिली है. उसे आगामी विस चुनाव में पार्टी को आजम खान की जरूरत महसूस हो रही है.


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इसलिए क्योंकि रामपुर, जहां आजम खान के रहते हुए पार्टी अमूमन हर चुनाव में मजबूत स्थिति में रहती रही है. वहां ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष दोनों में सपा को निराशा मिली है.

विधानसभा चुनाव इसलिए भी रोचक होने जा रहा है, क्योंकि इस बार हैदराबाद के सांसद ओवैसी अपनी पार्टी एआइएमआइएम के साथ यूपी में एंट्री कर चुके हैं. और उन्होंने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

अब तक एआइएमएआइएम जो प्रचार कर रही है या राजनीतिक हमले, उसके निशाने पर समाजवादी पार्टी ही सबसे ज्यादा है. राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि अगर आजम खान चुनाव से पहले बाहर आ जाते हैं, तो राजनीतिक तस्वीर कुछ और होगी.

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