जोधपुर हिंसा मामले में अब तक 141 गिरफ्तार, गहलोत सरकार ने कहा- BJP और RSS ने की थी दंगा भड़काने की साजिश

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द लीडर। जोधपुर में ईद की नमाज के बाद झंडा लगाने को लेकर भड़की हिंसा और बवाल को लेकर राज्य सरकार ने सख्ती करते हुए अब तक 141 लोगों को गिरफ्तार किया है. सरदारपुरा पुलिस स्टेशन में 14 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. 20 आरोपियों को हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया है. इनकी जांच जारी है.

बीजेपी-आरएसएस पर साधा निशाना

इधर, जोधपुर में दंगा को लेकर राज्य की गहलोत सरकार ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की दंगा कराने की साजिश थी.


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उन्होंने कहा कि, वे करौली, जोधपुर और रामगढ़ में लोगों को भड़का रहे थे. हमने समय रहते कार्रवाई की इसकी वजह से छोटी घटनाएं होकर रह गई. लेकिन हमने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और दंगा को फैलने नहीं देंगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हम राज्य में दंगा होने की इजाजत नहीं देंगे.

डीजी ने बताया- काबू में स्थिति

राज्य के पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने जयपुर में बताया कि जोधपुर शहर में स्थिति नियंत्रण में है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है.

उन्होंने बताया कि, जिले में शांति और सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में अभी तक कुल 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से 133 को धारा 151 जबकि आठ को अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया गया है.

लाठर ने बताया कि मंगलवार को ईद के दिन हुई हिंसक घटनाओं के सिलसिले में अब तक पुलिस ने चार प्राथमिकियों दर्ज की हैं और लोगों ने आठ प्राथमिकियां दर्ज करायी हैं.

उपद्रव में 9 पुलिसकर्मियों को आई चोट

उन्होंने बताया कि, उपद्रव में 9 पुलिसकर्मियों को चोट आयी है और सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीन अन्य असैन्य नागरिक भी घायल हुए थे और अब उन्हें भी खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

वहीं उदयपुर में इस संबंध में सवाल करने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि, जोधपुर में अब शांति है और सद्भावना के प्रयास किए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जोधपुर पहुंचे गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव व अन्य ने स्थिति का जायजा लिया और पुलिस-प्रशासन को मजबूत कानून-व्यवस्था बनाये रखते हुए धारा 144 (निषेधाज्ञा) व कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. यादव ने कहा, ‘‘दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.’’

क्यों भड़की जोधपुर में हिंसा?

गौरतलब है कि, सोमवार आधी रात के बाद कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों ने शहर के एक गोलचक्कर पर लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर लगा भगवा झंडा हटाकर वहां इस्लामिक झंडा लगाया, जिसका हिन्दुओं ने विरोध किया.

दोनों समुदायों के बीच कहासुनी हिंसक संघर्ष में बदल गई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल भी हुए. वहीं मंगलवार सुबह, जालोरी गेट के पास ईदगाह में ईद की नमाज के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़े वाहनों, घरों व दुकानों पर पथराव किया.

सोमवार और मंगलवार की घटनाओं के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्रों में आला अधिकारियों सहित 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैतृक जिले जोधपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद की दी गई हैं और शहर के दस थाना क्षेत्रों में बुधवार मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लगाया गया है.


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