द लीडर : पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ नरसिंहानंद की अभद्र टिप्पणी से मुस्लिम समाज में आक्रोश है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत और ताजुश्शरिया के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा ने इस्लामियां इंटर कॉलेज के मैदान में प्रोटेस्ट किया. इसमें करीब एक लाख की भारी भीड़ जुटी. परिसर में एक ही नारा गूंज रहा था-गुस्ताखे नबी की एक ही सजा-सिर धड़ अलग-सिर धड़ से अलग…
प्रोटेस्ट में दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा खां भी पहुंचे. और उनकी मौजूदगी में जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां, मुफ्ती अफजाल, समरान खान, उलमा व अन्य कार्यकर्ताओं ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को ज्ञापन सौंपा. भीड़ को संबोधित करते हुए एसएसपी ने आश्वस्त किया कि आपकी मांग पर कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चूंकि अभी पंचायत चुनाव हैं और कोविड संक्रमण का खतरा बना है. लिहाजा प्रशासनिक गाइडलाइन का पालन करें.
इससे पहले उलमा ने तकरीर में कहा कि कुछ ताकतें देश को बांटने पर आमदा हैं. उन्हें ये समझना चाहिए कि ये देश हर एक नागरिक का है. और हम इसे इस तरह बर्बाद नहीं होने देंगे. इसकी आजादी के लिए हमारे बुजुर्गों ने कुर्बानियां दी हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश की एकता-अखंडता के लिए खड़े हों.
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इस पर भीड़ के बीच से रुक-रुक कर नारे गूंजते रहे. कभी नरसिंहानंद को फांसी दिए जाने की आवज उठती तो कभी सिर धड़ से अलग किए जाने की. उलमा बेकाबू भीड़ को समझाते, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता. दोपहर 2 बजे से होने वाला प्रदर्शन करीब डेढ़ घंटे तक चला. इसमें बरेली शहर के अलावा आस-पास के गांवों से भी ग्रामीण पहुंचे थे.
हालत ये हो गई कि इस्लामिया के आस-पास के पूरे हिस्से की गलियां जाम हो गईं. प्रोटेस्ट खत्म होने के बाद घंटों तक शहर में जाम की स्थिति बनी रही. प्रशासन को इस प्रोटेस्ट में भारी भीड़ पहुंचने का अंदाजा था. इसीलिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
नरसिंहानंद, वसीम रिजवी की गिरफ्तारी की मांग
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने कहा कि लगातार मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आह्त की जा रही हैं. जानबूझकर हिंदू-मुस्लिमों के बीच दुश्मनी पैदा की जा रही है. पहले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कुरान के संबंध में अर्यादित बातें कहीं और अब नरसिंहानंद ने पैगंबर-ए-इस्लाम के लिए गलतबयानी की है. इन दोनों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए.
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उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत के रूप में एक आतंकी हैं. 1 अप्रैल को दिल्ली के प्रेस क्लब में उन्होंने जिस तरह से पैगंबर-ए-इस्लाम के बारे में गलत बातें कीं, वो सांप्रदायिकता फैलाने, शांति भंग करने और अल्पसंख्यकों के खिलाफ दंगे भड़काने के इरादे से किया गया कृत्य है. नरसिंहानंद के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं. भारतीय संविधान के मुताबिक सभी नागरिक समान हैं. इसलिए अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जाए. और वसीम रिजवी व नरसिंहानंद दोनों को गिरफ्तार किया जाए.